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कर्मचारी संगठित होकर सरकार से मांगे मनवा सकता है - व्यास

कर्मचारी संगठित होकर सरकार से मांगे मनवा सकता है - व्यास

राजस्थान मंत्रालयिक कर्मचारी परिषद के प्रतिनिधि अधिवेषन संपन्न
कर्मचारी संगठित होकर सरकार से मांगे मनवा सकता है - व्यास

अजमेर के कच्छावा बने प्रदेशाध्यक्ष

अजमेर (अजमेर मुस्कान)। राज्य कर्मचारी संगठित होकर सरकार से अपनी मांगें मनवा सकता है। राष्ट्रीय विचारधारा के कर्मचारियों ने सदैव राज्य के सर्वांगीण विकास में सहभागिता निभाई है और कर्मचारी हित में संघर्ष भी किया है और सफलता भी मिली है ऐसे विचार राजस्थान मंत्रालयिक कर्मचारी परिषद के नवम प्रदेश प्रतिनिधि अधिवेशन में मुख्य अतिथि महासंघ (भामसं) के प्रदेशाध्यक्ष अरविन्द व्यास ने प्रकट किये। श्री व्यास ने कहा कि मंत्रालयिक सवंर्ग के 1992 से लगातार संगठन में नियमित प्रवास कर कार्यकर्ताओं को जोडा है और समय पर अधिवेशन करवाकर संगठन को लोकतांत्रिक तरीके से मजबूत किया है और महासंघ सदैव मांगो पर सरकार से वार्ता कर निर्णय कावाने की पहल करेगा 

मुख्य वक्ता खाजूलाल ने कहा कि भारतीय मजदूर संघ का कार्यकर्त्ता सदैव संगठन में निष्ठा व विश्वास से कर्मचारियों को साधकर राष्ट्रीय हित में अमूल्य योगदान दे रहा है। संगठन सदैव समय शक्ति व साधना से मजबूत होता है और प्रवासी कार्यकर्ता निरंतर सम्पर्क करें जिससे संगठन मजबूत होगा। प्रदेशाध्यक्ष अनूप सक्सेना ने कहा कि अधिवेशन की तैयारी के लिये प्रदेश पदाधिकारियों ने जो प्रवास किये है और सरकार से मांगों के निस्तारण हेतु निरंतर प्रयास किये। मंत्रालियक कर्मचारी परिषद के प्रथम प्रदेश अध्यक्ष रहे महेश जोशी को शॉल श्रीफल माला पहनाकर अभिनंदन किया गया। प्रदेश महामंत्री रणधीर सिंह कच्छावा ने त्रिवार्षिकी रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुये संगठन विस्तार व अब तक सरकार के साथ हुई चर्चाओं की विस्तृत जानकारी दी। 

कार्यक्रम का शुभारंभ भारत माता के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलन कर किया गया। स्वागत भाषण अध्यक्ष अनिल जैन व आभार प्रदेश संयोजक अरविन्द सिंह राव ने किया। सत्रों का संचालन  प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष महेन्द्र कुमार तीर्थाणी ने किया। सम्मेलन में 17 जिलों से 237 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

राज्य व केन्द्र सरकार के लिय प्रस्ताव हुये पारित -

पारित प्रस्तावों में वेतन विसंगतियो एंव गैर वित्तीय मांगो में एसीपी की ग्रेड पे 3600 को विलोपित कर 4800 देने , संवर्ग का तीसरा पद (सहा0 प्रशा0 अधिकारी) को 4800 ग्रेड पे देकर राजपत्रित किया जावे, अनुसूची 5 में किये संषोधन को रद्द करते हुये पूर्व की तरह यथावत रखा जावे, आरजीएचएस अर्न्तगत निजी चिकित्सालयो में ईलाज हेतु किये गये बदलाव प्रतिबंधो को हटाया जाना, बोनस की सीमा 7000 से बढाते हुये 15000 किया जावें, ग्रेच्यूटी एक्ट 1972 में संशोधन कर 16.5 माह के स्थान पर 33 माह का वेतन ग्रेच्यूटी के रूप में दिया जावें अराजपत्रित कर्मचारियों को आयकर मुक्त किया जाये, मंत्रालयिक सवंर्ग के पदो में वृद्धि, निजी सहायक संवर्ग में पांच पदौन्नतियां देने सम्मिलित है।

कच्छावा बने प्रदेशाध्यक्ष - 

महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष, प्रदेश महामंत्री व अनूप सक्सेना के समक्ष आये प्रस्तावों पर अजमेर के रणधीर सिंह कच्छावा को प्रदेशाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई। उदयपुर के अरंविद सिंह राव को प्रदेश महामंत्री, महेन्द्र कुमार तीर्थाणी को प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष व दीपक मण्डोलिया को प्रदेश कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई। शीध्र ही प्रदेश कार्यकारिणी का विस्तार व जिलों के पदाधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जायेगी।

बैठक में राज्य के प्रमुख कार्यकर्ता लक्ष्मण तुनगारिया,वंश प्रदीप सिंह, राजेश किशनानी, वासुदेव, साहिब सिंह, मुकेश सोनी कमलेश शर्मा, मालूसिंह पालावत, तेज सिंह, कजांेड मल यादव, हर्षवर्द्धन काखानी, रासबिहारी पारीक, प्रदोष भाटिया, विष्णु भटनागर, कौशल्या देवी, आदित्य पाण्डे, भंवर सिंह अखेपुर, निगमचंद, करण सिंह, कैलाश कच्छावा, भोलानाथ आचार्य, धर्मू पारवाणी, मनोज जोशी अशोक केसवाणी, धर्मपाल सिंह, नियामत अली, महेश टेकचंदाणी सहित कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। 

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