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झूलेलाल चालिहो का समापन, आयो लाल, झूलेलाल के जयकारों से गूंजा अजमेर

झूलेलाल चालिहो का समापन, आयो लाल, झूलेलाल के जयकारों से गूंजा अजमेर

अजमेर (AJMER MUSKAN)
सिंधी समाज के इष्टदेव श्री झूलेलाल साहब का 40 दिवसीय उपासना पर्व गुरुवार को फॉयसागर झील पर संपन्न हुआ। 

                                            

यह जानकारी देते हुए पूज्य लाल साहिब मंदिर सेवा ट्रस्ट झूलेलाल धाम दिल्ली गेट अजमेर के महासचिव जयकिशन पारवानी ने बताया कि झूलेलाल चालिहा के अंतर्गत श्री झूलेलाल साहब के अवतरण के स्मरण को चिरस्थायी रखने का भक्ति पूर्ण प्रयास 16 जुलाई से प्रारंभ होकर 24 अगस्त तक व्रत उपासना व भक्ति भाव के साथ होते है। उन्होंने बताया कि भरूच से पधारे पूज्य झूलेलाल साहिब के गद्दीनशीन ठकुर मनीषलाल, मुंबई से ठकुर गुलसाई, ठकुर नितिनलाल व संत महात्माओं के सान्निध्य में झूलेलाल धाम परिसर में सुबह 11 बजे पूज्य बहिराणा साहिब की स्थापना 11:30 बजे भजन कीर्तन व दोपहर 1:30 बजे छेज के साथ व्रतधारी श्रद्धालुओं के साथ कलश शोभायात्रा झूलेलाल धाम से गंज तक निकाली गई। जिसके बाद सभी बसों द्वारा फॉयसागर उद्यान पहुचे जहां 4 बजे से 7 बजे तक प्रधान ट्रस्टी प्रभु लौंगानी के संयोजन में झूलेलाल मण्डली की बहन सीमा पमनानी, कमला हरपलानी, दादी जसी, पवन लौंगानी, किरण तीर्थानी, सीमा लालवानी, विद्या तेजवानी, तारा हरपलानी, योगिता आसवानी आदि द्वारा सत्संग, कीर्तन, पंजड़े श्री झूलेलाल चालिहा का पाठ, सुख उत्पति झूलेलाल की, झूलेलाल वन्दना का पाठ किया गया। 

तत्पश्चात पंजमहाज्योत की आरती के बाद 40 दिनों से व्रतधारियों द्वारा जल के जीवों को समर्पित करने के लिए कुनड़ी (कलश) में प्रतिदिन अखो साहिब सूखी सामग्री चावल, सूखे मेवे, इलायची, केसर, लौंग, पताशे नारियल फल आदि जल में परवान करके सभी व्रत धारियों व सेवाधारियों द्वारा दीप पूजन के साथ दरियाह पूजन करके श्री झूलेलाल साहब से विश्व कल्याण की अरदास की गई तत्पश्चात आम भंडारे की प्रसादी के आयोजन के साथ चालीस दिवसीय व्रत का समापन हुआ। 

इस अवसर पर समाज के गणमान्य व्यक्ति व जनप्रतिनिधियों सहित सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे है।

https://youtu.be/trZ8ezn1h2o?si=YFKKSFktVBbHEqB4

झूलेलाल चालिहो का समापन, आयो लाल, झूलेलाल के जयकारों से गूंजा अजमेर

झूलेलाल चालिहो का समापन, आयो लाल, झूलेलाल के जयकारों से गूंजा अजमेर

झूलेलाल चालिहो का समापन, आयो लाल, झूलेलाल के जयकारों से गूंजा अजमेर

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