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हवा कड़वी हो चुकी है अब सिर्फ घृणाएँ बची हैं

हवा कड़वी हो चुकी है, अब सिर्फ घृणाएँ बची हैं

मासिक साहित्य-धारा में उज्जैन के युवा कवि नीलोत्पल ने सुनाई रचनाएं

हवा कड़वी हो चुकी है, अब सिर्फ घृणाएँ बची हैं

अजमेर (अजमेर मुस्कान)। 
उज्जैन मध्यप्रदेश से आए युवा कवि नीलोत्पल ने जब 'बचे रहने की जुगत में चुप रहते हैं फिर भी हम नहीं बचते हैं', स्त्री विमर्श विषयक कविता सुनाई तो श्रोतागण वाह- वाह कर उठे।

अजयमेरु प्रेस क्लब में आयोजित साहित्य धारा में बतौर अतिथि व विशिष्ट कवि उज्जैन से आए नीलोत्पल मौजूद थे। उन्होंने "सवाल यह है, शांति का पाठ करते हैं, पीठ, क्रिकेट शॉट, तर्क, हर एक अंतिम सच राख है, खयाल, पीड़ा को मुलायम बना रहा है, हवा कड़वी हो चली है अब सिर्फ घृणाएँ बची हैं सहित लगभग 12 कविताएँ सुनाईं। उनकी कविताओं में गहरी मानवीय संवेदना व सूक्ष्म अंतर्दृष्टि थी। उन्होंने अपनी कविताओं के जरिए वर्तमान परिदृश्य पर केंद्रित आज के कटु यथार्थ का बेहतरीन शब्द-चित्र खींचा। उनकी कई कविताओं में श्रोताओं को सोचने पर विवश कर दिया। इससे पूर्व कथाकार पराग मांदले ने नीलोत्पल का परिचय देते हुए उनकी तीन कृतियों अनाज पकने का समय, पृथ्वी को हमने जड़ें दी और समय के बाहर सिर्फ पतझड़ है की जानकारी दी। कवि व साहित्यकार रासबिहारी गौड ने नीलोत्पल के चौथे काव्य संग्रह 'चयनित रचनाएं' पुस्तक पर चर्चा की तथा कुछ कविताओं के अंश प्रस्तुत कर चिंतन हेतु मजबूर कर दिया।

साहित्यकार अनंत भटनागर ने नीलोत्पल के व्यक्तित्व व कृतित्व पर चर्चा करते हुए अन्याय से मिली जीत अश्लील है' कविता सुनाई।  तस्दीक अहमद ने हमको जां से भी ज्यादाहै प्यारा वतन, डॉ ब्रिजेश माथुर ने रूहें आजाद नहीं, गौरव दुबे व जगप्रकाश मंजुल ने मुक्तक, भावना शर्मा ने दिल में हिंदुस्तान रखते हैं, पायल गुप्ता ने घनाक्षरी में कविता सुनाई। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार गोपाल माथुर ने की व बेहतरीन संचालन साहित्य धारा की संयोजक सुमन शर्मा ने किया। 

इस अवसर पर कुलदीप खन्ना की पुस्तक 'जिंदगी अंदाज ए बयां' का विमोचन किया गया। इस काव्य गोष्ठी में श्रुति गौतम, प्रतिभा जोशी, कालिंद नंदिनी शर्मा, पुष्पा क्षेत्रपाल, बनवारी लाल शर्मा, जय गोपाल प्रजापति, नीता भटनागर, शुभदा भार्गव, मंजू माथुर, बीना सोनी मुकेश कुमार आर्य, अमरजीत कुमार गिरी, लखनलाल माहेश्वरी, शंकर लाल दाधीच सहित सहित लगभग 40 साहित्यकार उपस्थित थे। कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों का माल्यार्पण का स्वागत किया गया।

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