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मुख्यमंत्री गहलोत ने किया अंगदान जीवनदान महाअभियान का शुभारम्भ

मुख्यमंत्री गहलोत ने किया अंगदान जीवनदान महाअभियान का शुभारम्भ

अंगदान महाअभियान : अंगदान प्रतिज्ञा हुई गुरूवार को

अंगदाताओं का हुआ सम्मान

अजमेर (अजमेर मुस्कान)। अंगदान जीवनदान महाअभियान का शुभारम्भ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा गुरूवार 3 अगस्त को किया गया।

मुख्यमंत्री ने किया 15 करोड़ के कार्यो का लोकार्पण - शिलान्यास

जिला कलेक्टर डॉ. भारती दीक्षित ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा वीसी के माध्यम से अंगदान पखवाडे़ के शुभारम्भ अवसर पर अजमेर जिले के लिए 15 करोड़ 8 लाख 24 हजार के कार्यो का लोकार्पण-शिलान्यास किया। इनमें सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भदूण एवं फतेहगढ़ का लोकार्पण किया गया। प्रत्येक सीएचसी की लागत 522.16 लाख थी। इसी प्रकार प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र हरपुरा एवं खवास का भी शिलान्यास किया गया। प्रत्येक पीएचसी की लागत की 268.96 लाख है।

उन्होंने बताया कि राजस्थान में 3 अगस्त  को भारतीय अंगदान दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा अंगदान जीवनदान महाअभियान पखवाड़े का शुभारंभ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया गया। इसमें समाज के सभी वगोर्ं के व्यक्तियों को कार्यक्रम से जोड़ा गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य अंगदान के लिए समाज में व्यक्तियों को प्रेरित करना एवं अंगदान के सुरक्षित तरीकों से अवगत कराना था।

उन्होंनेे बताया कि अंगदान महाअभियान के अन्तर्गत जिले के समस्त कार्यालयों, संस्थानों तथा विद्यालयों में अंगदान की प्रतिज्ञा ली गई। इसमें जरूरतमंद व्यक्तियों को अंग एवं टिश्यू उपलब्ध करवाकर नया जीवन प्रदान करने की शपथ हुई। इसमें देहदान के प्रति जागरूकता बढ़ने के साथ ही प्रेरणा मिलेगी। जिले समस्त चिकित्सा संस्थानों एवं कार्यालयों में अंगदान एवं ऊतकदान की शपथ ली गई। इसमें सभी चिकित्सा अधिकारी, चिकित्सा कर्मी एवं कर्मचारी भी शामिल रहे। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य कार्यालय में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अनुज पिंगोलिया एवं अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.संपत सिंह जोधा द्वारा सभी कर्मचारियों को अंगदान वह ऊतकदान की शपथ दिलाई गई। अंगदान के संबंध में विस्तार पूर्वक जानकारी सभी कर्मचारी व अधिकारियों को दी गई।


अंगदाताओं का हुआ सम्मान

अंगदान जीवनदान महाअभियान का शुभारम्भ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा गुरूवार 3 अगस्त को किया गया।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अनुज पिंगोलिया ने बताया कि अजमेर में तीन व्यक्तियों द्वारा सवाई मानसिंह चिकित्सालय जयपुर के माध्यम से अंगदान पूर्व में किया गया था। इनमें जितेन्द्र की दोनों किडनियों, सांवरमल के दोनों किडनियों, लीवर तथा हार्ट एवं निर्मला मेहता के लीवर को जरूरतमन्द व्यक्तियों को उपलब्ध करवाकर नया जीवन दिया गया। निर्मला मेहता के पति ब्यावर के मनमोहन लाल मेहता को जिला स्तर पर प्रमाण पत्र प्रदान का सम्मानित किया गया। इन्हें जिला कलेक्टर डॉ. भारती दीक्षित, पुलिस अधीक्षक चूनाराम जाट सहित अधिकारियों द्वारा सम्मानित किया गया।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अनुज पिंगोलिया ने बताया कि देश में वर्तमान स्थिति में अंगदान की बहुत अधिक आवश्यकता है। भारत में प्रतिवर्ष 1.8 लाख व्यक्तियों को किडनी की आवश्यकता होती है। इसमें मात्र 6000 किडनी ही ट्रांसप्लांट की जा रही है। भारत में लगभग 2 लाख व्यक्तियों की मृत्यु लिवर खराब होने से हो जाती है। इसमें से 25 से 30 हजार व्यक्ति समय पर लीवर मिलने से बचाए जा सकते हैं। प्रतिवर्ष केवल 1500 लीवर ही ट्रांसप्लांट के लिए उपलब्ध होते हैं। भारत में लगभग प्रतिवर्ष 50 हजार व्यक्ति हार्ट फेल्योर से ग्रस्त होते है। इसमें केवल 10 से 15 हजार को ही हार्ट ट्रांसप्लांट किया जा रहा है। इसी प्रकार भारत में लगभग एक लाख कॉर्निया की हर वर्ष आवश्यकता होती है। इसमें केवल 25 हजार कार्निया ही उपलब्ध हो पाती है।

उन्होंने बताया कि अंगदान के अंतर्गत 1994 में टीएचओए एक्ट 1994 बनाया गया। इसके अंतर्गत मानव अंगों को उपचार आत्मक प्रयोग के लिए एवं इनका व्यावसायिक उपयोग रोकथाम के लिए लागू किया गया।  इसके अंतर्गत ही अंगदान किए जाते हैं और जरूरतमंद व्यक्ति को दिए जाते हैं। अंगदान का महत्वपूर्ण यह है कि तथ्य हार्ट अटैक से मृत्यु होने पर केवल कुछ ही अंग व ऊतक ही दान किया जा सकते हैं।  इनमें कॉर्निया, हड्डी, त्वचा और रक्त वाहिकाएं शामिल है। मानसिक रूप से मृत व्यक्ति के लगभग 35 तरह के अंग व ऊतक दान किए जा सकते हैं। इसमें किडनी, हृदय, लीवर और फेफड़े आदि शामिल है।

उन्होंने बताया कि भारत में अभी मृत व्यक्तियों द्वारा अंगदान की दर बहुत कम है। भारत में केवल ब्रेन डेड एवं हार्ड डेड व्यक्तियों के ही अंग दान के लिए उपलब्ध हो पाते हैं।  राष्ट्रीय अंग ट्रांसप्लांट कार्यक्रम का उद्देश्य अंग और ऊतक उपलब्ध कराना तथा प्रत्यारोपण के लिए एक संगठित प्रणाली स्थापित करना है। इससे अंग प्रत्यारोपण के लिए मानव संसाधनों को प्रशिक्षण देना, अंग व्यापार से गरीब व्यक्तियों की सुरक्षा करना, अंग और ऊतक ट्रांसप्लांट सेवाओं का मॉनिटरिंग करना और योजनाओं में जरूरत पड़ने पर नीति और कार्यक्रम में सुधार करना जैसे कार्य अधिनियमित होंगे। 

उन्होंने बताया कि जिले की सभी स्कूलों तथा कॉलेजों में  पोस्टर कॉम्पटीशन एवं वाद विवाद जैसी प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएगी। सोमवार 7 अगस्त को ब्लॉक स्तर पर प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा।  इसमें ग्राम पंचायत स्तर के विजेता विद्यार्थी भाग लेंगे। 9 अगस्त को ब्लॉक स्तर से चुने गए छात्रा-छात्राओं का जिला स्तर पर प्रतियोगिता होगी। स्टेट आर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट आर्गेनाइजेशन में रजिस्टर्ड अंगदान करने वाले अंगदाताओं का 3 अगस्त को वीडियो कॉफ्रेंस में सम्मानित किया जाएगा। पखवाड़े में आयोजित होने वाली विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को 15 अगस्त को सम्मानित भी किया जाएगा।

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