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अचो त सिन्धी सिखूं : घर बैठे सीख सकेगें सिंधी भाषा अब ऑनलाईन भी पढ़ाई जायेगी

आओ सिन्धी सिखें सिंध इतिहास एवं साहित्य शोध संस्थान द्वारा

अचो त सिन्धी सिखूं : घर बैठे सीख सकेगें सिंधी भाषा अब ऑनलाईन भी पढ़ाई जायेगी

अजमेर (अजमेर मुस्कान)।
सिन्धी समाज महासमिति, के प्रकल्प ’सिन्ध इतिहास एवं साहित्य शोध संस्थान्’ की बैठक रविवार को श्री अमरापुर सेवा घर, 423 प्रगति नगर, कोटड़ा, अजमेर के द्वितीय तल पर आयोजित कर निर्णय लिया गया कि ऑनलाईन भी पढ़ाई जायेगी। दुनिया के किसी भी हिस्से में रहकर सीख सकेगें अपनी भाषा का ज्ञान।

संस्थान के अध्यक्ष कंवल प्रकाश किशनानी ने बताया कि प्रत्येक रविवार को दोपहर 2.30 बजे से ‘अचो त सिन्धी सिखूं’ आओ तो सिन्धी सिखें और जाने अपनी संस्कृति को जानने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। अगले सप्ताह से संस्थान् के सोशल मिडिया प्लेटफार्म से ऑनलाईन भी पढ़ाया जायेगा। जिसमें भाषा का ज्ञान आसान हो, उसके लिए विशेष अंग्रेजी, हिन्दी, देवनागरी व सिंधी भाषा सहित विशेष सामग्री तैयार की गई है। जिसमें अक्षर ज्ञान के अलावा साहित्य, इतिहास, खान-पान, तीज त्योहार, गीत संगीत, नाटक की जानकारी भी दी जायेगी। संस्थान् द्वारा गूगल फार्म के रूप में उपलब्ध कराया गया है, जिसमें नाम, पता, शहर, व आयु के साथ मोबाइल नं. की जानकारी देनी होगी। इसका लाईव प्रसारण दोपहर 3 बजे से 4 बजे तक संस्थान् की फैसबुक व यूट्यूब चैनल पर किया जायेगा व अन्य सामग्री भी सोशल मिडिया पर प्रकाशित की जायेगी।

शोध करने वाले शोधार्थियों के लिए सिंध की सभ्यता, मुहन जो दड़ो, महाराजा दाहरसेन, स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने वाले क्रांतिकारियों, सिंध में हुए शहीदों, साहित्यकारों, इतिहासकारो की प्रचुर मात्रा में सिन्धी व देवनागरी भाषा में साहित्य व पुस्तकें उपलब्ध है। शोधार्थी प्रतिदिन कोटड़ा स्थित संस्थान् में प्रातः 10 बजे शाम 5 बजे तक संपर्क कर सकता है।

बैठक में कैलाश लखवानी, राजेश टेकचन्दाणी, चन्द्र कुमार केसवानी, लक्ष्मण चंदीरमानी, नरेन्द्र कुमार मंगनानी, आशा टेकचंदानी, जेठा बालानी, जया जगवानी, मीना तेजवानी, रीटा चंन्दीरमाणी, सहित संस्थान से जुडे सदस्य उपस्थित रहे।

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