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लघुकथा और कविताओं में उभरी मानवीय संवेदनाएं

लघुकथा और कविताओं में उभरी मानवीय संवेदनाएं

साहित्य धारा गोष्ठी का हुआ आयोजन

अजमेर (अजमेर मुस्कान)। अजयमेरु प्रेस क्लब की मासिक साहित्यिक गोष्ठी "साहित्य धारा " में इस बार नगर के 28 साहित्यकारों ने लघुकथाओ और काव्य रचनाओं के माध्यम से मानवीय संवेदनाओं को प्रभावी रूप से उकेरा।  

अध्यक्षता कर रही पुष्पा क्षेत्रपाल ने लघुकथा मां में ममत्व और वरिष्ठ साहित्यकार उमेश कुमार चौरसिया ने खुशी लघुकथा में वंचित वर्ग के स्वाभिमान को प्रकट किया। संयोजक सुमन शर्मा ने आंखों की कहानी कब लफ्जों में बयां होगी, जग प्रकाश मंजुल ने वक्त रेत सा फिसलता गया,संदीप पांडे शिष्य ने वितंडा, डॉ विनीता अशित जैन ने सौंदर्यीकरण, पायल गुप्ता ने धनाक्षरी छंद और सरस संचालन कर रही डॉ पूनम पांडे ने सागर लघुकथा सुनाई। 

गोष्ठी में पूर्णिमा शर्मा, लखनलाल माहेश्वरी, प्रतिभा जोशी, काजल खत्री, बनवारीलाल शर्मा, वीरेंद्र सक्सेना, लता शर्मा, सुनील मित्तल, रंजना शर्मा, शारदा देवड़ा, शंकरलाल दाधीच,  कृतांत नीरज और जयगोपाल प्रजापति ने भी रचनाएं पढ़ीं।

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