अजमेर (अजमेर मुस्कान)। डॉक्टर को इंसान ही रहने दो; वो कोई भगवान नहीं है। डॉक्टर भी पारिवारिक व्यवस्थाओं से घिरा एक प्राणी है जैसे अन्य सभी। डॉक्टर की भी वही सब जरूरतें और प्राथमिकताएं होती हैं जैसी अन्य पेशे से जुड़े सामाजिक बंधुओं की।
मित्तल हॉस्पिटल के निदेशक डॉ दिलीप मित्तल ने अन्तर्राष्ट्रीय डॉक्टर्स डे के अवसर यह विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि मरीज एक बार हॉस्पिटल में भर्ती हो जाए तो बस ठीक होके ही हॉस्पिटल से डिस्चार्ज हो, हर ऑपरेशन शत- प्रतिशत सफल हो, ऐसी उम्मीद करना कतई सही नहीं है। हर ऑपरेशन सौ फीसदी सफल हो, ऐसा हमेशा संभव नहीं है। डाक्टर भी इंसान है उससे भी गलती हो सकती है। हम डाक्टर की गलती को लापरवाही का जामा पहना देते हैं जो गलत है।
हमें इस प्रवृत्ति को छोड़ना चाहिए। हम डॉक्टर को ईश्वर का दर्जा देते हैं जो सही नहीं है। ईश्वर की सत्ता बहुत विशाल है; अनंत है । डॉक्टर्स उसके सामने नगण्य है। हम रोगी का बेहतर इलाज चाहते हैं तो हमें डॉक्टर्स पर विश्वास करना सीखना ही होगा और अगर कुछ गलत हो भी जाए तो हमें ये समझना होगा कि मेडिकल साइंस की अपनी कुछ सीमाएं हैं और कुछ मानवीय गलतियां संभव हैं, हमेशा याद रहे कोई डाक्टर अपने मरीज का बुरा नहीं चाहता है, वो अपने मरीज को स्वस्थ होता देख खुशी महसूस करता है क्यों कि वह आप ही के जैसे एक आम इंसान है; भगवान नहीं।
0 टिप्पणियाँ