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संविधान की आठवीं अनुसूची में सम्मिलित सिन्धी भाषा का विश्वविद्यालय स्थापना की मांग

सिन्धु सभा ने प्रधानमंत्री व शिक्षा मंत्री भारत सरकार को पत्र लिखकर मांगा समय

संविधान की आठवीं अनुसूची में सम्मिलित सिन्धी भाषा का विश्वविद्यालय स्थापना की मांग

अजमेर (अजमेर मुस्कान)।
भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति की क्रियांविति के साथ मातृ भाषा में प्राथमिक शिक्षण हेतु किये जा रहे सकारात्मक प्रयास के लिये सिन्धु सभा ने भारत सरकार का आभार प्रकट करते हुये संविधान की आठवीं अनुसूची में सम्मिलित सिन्धी भाषा का विश्वविद्यालय स्थापना की मांग हेतु माननीय प्रधानमंत्री व षिक्षा मंत्री भारत सरकार को पत्र लिखकर चर्चा हेतु समय मांगा है।

राष्ट्रीय मंत्री महेन्द्र कुमार तीर्थाणी ने बताया कि यह संयोग है कि नई षिक्षा नीति को तीन वर्ष पूर्ण हो रहे हैं और केन्द्रीय माध्यमिक षिक्षा बोर्ड ने अहम फैसला के तहत 22 क्षेत्रीय भाषाओं में पढाई करवाई जायेगी। विष्वविद्यालय खुलने से सिन्धी विषय लेकर अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों के लिये सिन्धी भाषा में अध्ययन व षोध कार्यके अलावा रोजगार के भी अवसर मिलेगें।

उल्लेखनीय है कि सिन्धी समाज विभाजन की त्रासदी को सहन कर अखण्ड भारत में सिन्ध से देष भर में अलग अलग हिस्सों में स्थापित हुआ है। सिन्ध के गौरवमयी इतिहास को युवा पीढी तक पहुंचाने के लिये सिन्धी भाषा के विद्यालय, महाविद्यालय स्थापित किये गये जिससे भाषा व साहित्य का ज्ञान हो सके।

प्रदेष भाषा व साहित्य मंत्री डॉ. प्रदीप गेहाणी ने बताया कि देष भर में सिन्धी भाषा में प्राथमिक स्तर से लेकर स्नातकोतर स्तर पर अध्ययन हो रहा है। साथ षिक्षा विभाग के अधीन राष्ट्रीय सिन्धी भाषा विकास परिषद द्वारा आयोजित होने वाले अलग अलग कोर्स में बच्चे डिप्लोमा/सर्टीफिकेट कोर्स में सम्मिलित हो रहे हैं। संगठन की ओर से विद्यार्थियों के लिये सिन्धी बाल संस्कार षिविरों में भी भाषा व संस्कृति का ज्ञान बढाने का सफल प्रयास किया जा रहा है व युवा पीढी व विद्यार्थी सिन्धी भाषा से जुड रहे हैं।

संविधान की आठवीं अनुसुचि में मान्यता -

प्रदेश महामंत्री ईश्वर मोरवाणी ने बताया कि समाज द्वारा किये गये प्रयासों के साथ की गई मांग पर माननीय अटल बिहारी वाजपेयी के अथक प्रयासों से 10 अप्रेल, 1967 को संविधान की आठवीं अनुसूची में सिन्धी भाषा में मान्यता प्राप्त हुई। मान्यता प्राप्त होने पर अलग अलग प्रदेषों में भाषा व साहित्य की अकादमी, राष्ट्रीय सिन्धी भाषा विकास परिषद का गठन व बोर्ड व विष्वविद्यालय में सिन्धी भाषा से जुड़ाव होने लगा है।

'सिन्धु महाकुम्भ‘ में आमजन के सहयोग से पारित प्रस्ताव

प्रदेषाध्यक्ष मोहनलाल वाधवाणी ने बताया कि भारतीय सिन्धु सभा, राजस्थान द्वारा 17 जून, 2018 को जयपुर में सिन्धु महाकुम्भ आयोजित किया गया। तत्कालीन माननीय केन्द्रीय मंत्री राज्यवर्द्धन सिंह की उपस्थिति में प्रस्तावि पारित कर भारत सरकार को प्रेषित किया गया कि सिन्धी भाषा के विष्वविद्यालय की शीघ्र स्थापना करवाई जाये। संगठन की ओर से निरंतर प्रयास किये जा रहे है।

प्रदेश का एक म शिष्टमंडल शीघ्र ही दिल्ली में केन्द्रीय मंत्रियों से मिलकर मांग पर सकारात्मक निर्णय के प्रयास करेगा।

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