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सिंधी साहित्य का संग्रह अपने आप में सफलतम प्रयास - इसराणी

सिंधी साहित्य का संग्रह अपने आप में सफलतम प्रयास - इसराणी

सिंध इतिहास एवं साहित्य शोध संस्थान में हुआ स्वागत

अजमेर (अजमेर मुस्कान)। गांधीधाम, गुजरात से आई शिक्षाविद् व अंर्तराष्ट्रीय गायिका विशनी इसराणी ने सोमवार को अजमेर पहुंचकर प्रगति नगर कोटडा स्थित श्री अमरापुर सेवा घर में सिंध इतिहास एवं साहित्य शोध संस्थान और वृद्धाश्रम का अवलोकन किया।

इस अवसर पर सिंधी समाज महासमिति के अध्यक्ष कंवल प्रकाश किशनानी ने दीदी विशनी इसराणी को शोध संस्थान में रखे समस्त साहित्य और धार्मिक ग्रंथों की सिंधी में होने की जानकारी देते हुए शोध संस्थान का अवलोकन करने के बाद प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह संग्रह अपने आप में सफलतम प्रयास है।

दीदी ईसराणी ने कहा कि युवा व विद्यार्थी शिक्षा के साथ गौरवमयी इतिहास के लिए शोध करेंगे। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को चाहिए कि अपने संस्कार व संस्कृति को सदैव याद रखे। उन्होने सनातन धर्म में बताई गई समस्त शिक्षा को ग्रहण करते हुए उन्हीं नियमों पर चलना चाहिए क्योंकि सनातन धर्म से बड़ा कोई धर्म नहीं है जब से दुनिया की उत्पत्ति हुई है तब से ही सनातन धर्म मौजूद है। उन्होंने कहा कि अभिभावकों को चाहिए कि बच्चों को शुरू से ही संस्कार सिखाएं व शिक्षा के साथ भाषा धर्म के बारे में बच्चों को जानकारी भी कराये।

संस्थान में सिंधी समाज महासमिति के अध्यक्ष कंवल प्रकाश किशनानी ने दीदी विशनी इसराणी का माला और शॉल पहनाकर, महाराजा दाहरसेन का चित्र भेंट कर सम्मानित किया।

इस अवसर पर भारतीय सिंधु सभा के राष्ट्रीय मंत्री महेंद्र कुमार तीर्थाणी, मशहूर कलाकार घनश्याम ठारवाणी भगत, लक्ष्मण चंदीरामानी, राजेश टेकचंदाणी, रीटा लक्ष्मण, कमल इसरानी, जया जगवानी व संस्थान के सदस्य उपस्थित थे ।

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