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अजयमेरू प्रेस क्लब : साहित्यधारा में बही श्रृंगार रस की धारा

साहित्यधारा में बही श्रृंगार रस की धारा

रफ्तार से मुझे अपनी चलने की आदत है, रास्ता हर मुमकिन बदलने की आदत है

अजमेर (अजमेर मुस्कान)। अजयमेरु प्रेस क्लब की मासिक साहित्यिक गोष्ठी "साहित्यधारा " में शहर के 26 लेखकों ने प्रेम, वात्सल्य और भक्ति रस से ओतप्रोत रचनाएं प्रस्तुत की। अध्यक्षता कर रही अंबिका हेड़ा ने अजन्मी बेटी की करूं पुकार, तस्दीक अहमद ने वो हमें आजमाने लगे, डॉ. ब्रिजेश माथुर ने जब तुम्हारा इशारा हुआ, उमेश चौरसिया ने तब शबरी को राम मिले होंगे, प्रदीप गुप्ता ने आशिकी का दीदार होना चाहिए, डॉ.पूनम पांडे ने देते फूल सहारा और संयोजक सुमन शर्मा ने सरस संचालन करते हुए रास्ता हर मुमकिन बदलने की आदत है कविताएं सुनाई। 

गोष्ठी में डॉ अरविंद पारीक, संदीप पांडे, तेज सिंह कच्छावा, शारदा देवड़ा, शंकरलाल दाधीच ,मुकेश आर्य, डॉ.विनीता अशित जैन, प्रतिभा जोशी, पुष्पा क्षेत्रपाल, माया शर्मा, जय गोपाल प्रजापति, कुलदीप खन्ना और कृतांत अनंत नीरज ने भी रचनाएं पढ़ीं।

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