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झूलेलाल मंदिर में सिंधी बाल संस्कार शिविर संपन्न, प्रतिभाओं का हुआ सम्मान

झूलेलाल मंदिर में सिंधी बाल संस्कार शिविर संपन्न, प्रतिभाओं का हुआ सम्मान

अजमेर (अजमेर मुस्कान)।
श्री झूलेलाल सेवा मंडली झूलेलाल मंदिर वैशाली नगर अजमेर एवं भारतीय सिंधु सभा वैशाली नगर इकाई के संयुक्त तत्वाधान में 10 दिवसीय सिंधी बालसंस्कार शिविर का आयोजन किया गया जिसका  समापन आज रविवार को हुआ ।

इकाई अध्यक्ष किशन केवलानी ने बताया कि शिविर का शुभारंभ झूलेलाल मंदिर के अध्यक्ष प्रकाश जेठरा, वैशाली सिंधी सेवा समिति के अध्यक्ष जीडी वरिंदानी, समाजसेवी दिलीप भूरानी, महासचिव ईश्वरदास जेसवानी  द्वारा श्री झूलेलाल जी की मूर्ति के समक्ष दीप प्रज्वलित कर एवं पुष्प हार पहना कर किया गया। 

झूलेलाल मंदिर में सिंधी बाल संस्कार शिविर संपन्न, प्रतिभाओं का हुआ सम्मान

प्रकाश जेठरा ने कहा कि ऐसी कार्यशाला से युवाओं को अपनी संस्कृति को रूबरू होने का अवसर मिलता है ऐसी कार्यशाला का आयोजन होते रहना चाहिए और महापुरुषों के परिचय से राष्ट्रभक्ति का भाव बढ़ता है गीत संगीत की शिक्षा से भी संस्कृति को बढ़ावा मिलता है एवं सिंधी भाषा का निरंतर अभ्यास करने का आव्हान किया । इस प्रशिक्षण शिविर में कुल 92 बच्चों ने भाग लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ पूनम गीतांजलि द्वारा इष्ट देव श्री झूलेलाल जी की वंदना कर किया गया । इस कार्यशाला में भारतीय सिंधु सभा के प्रदेश महामंत्री महेंद्र कुमार तीर्थानी द्वारा सिंधु पति महाराजा दाहरसेन, एवं सिंधी संतो महात्माओं  के बारे में जानकारी दी । पूरे 10 दिवसीय शिविर में सांस्कृतिक कार्यक्रम होतचंद मोरयानी  के निर्देशन में हुए । दौलतराम थदानी द्वारा रोजाना योग सिखाया गया, मंजू लालवानी, ज्ञानी मोटवानी, हरि चांदवानी द्वारा सिंधी भाषा संस्कृति सिंधी ज्ञानवर्धक बातों का प्रशिक्षण दिया गया । सिंधी लाडा, संत कंवर राम का नृत्य, सिंधी कविताएं, सिंधी नाटक में बच्चों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया और बहुत शानदार प्रस्तुतियां दी, जिसको उपस्थित लोगों ने बहुत सराहा । 

शिविर में जयप्रकाश मंघाणी, ईश्वरदास जेसवानी, मुकेश आहूजा, नरेंद्र बसरानी, पुरुषोत्तम जगवानी, मोहन कोटवानी, अशोक वरिंदानी, हेमा भुरानी, गोविंदराम कोडवानी, रमेश रायसिंघानी, मोटूमल प्रेमचंदानी, ओम प्रकाश शर्मा द्वारा इन बच्चों को पुरस्कार एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया मंच का संचालन हेमा केवलरामानी व भविष्या नाजकानी ने किया । इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य युवाओं को सिंधी संस्कृति से जोड़ना है


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