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सिंध इतिहास व साहित्य शोध संस्थान का विधिवत शुभारंभ 2 जुलाई को

सिंध इतिहास व साहित्य शोध संस्थान का विधिवत शुभारंभ 2 जुलाई को

अजमेर (अजमेर मुस्कान)।
सिन्धी समाज महासमिति की ओर से ’सिन्ध इतिहास ऐं साहित्य शोध संस्थान्’ का रविवार 2 जुलाई सुबह 10.30 बजे विधिवत शुभांरभ पूजा अर्चना के साथ श्री अमरापुर सेवा घर, 423 प्रगति नगर, कोटड़ा, अजमेर के द्वितीय तल पर किया जायेगा।

महासमिति के अध्यक्ष कवंलप्रकाश किशनानी ने बताया कि युवा पीढ़ी को सिन्धी इतिहास, साहित्य व शोध कार्य के लिये एक सम्पूर्ण सुविधायुक्त शोध केन्द्र में 4000 से अधिक पुस्तकें अरबी सिन्धी व देवनागिरी सिन्धी में सिन्ध के इतिहास, संस्कृति, पहनावा, विभाजन की त्रासदी, सभ्यता सिन्ध के पुराने गीत, नाटक, खेल व मुख्य रूप से रामायण महाभारत, वेद, भारत का संविधान, शब्द कोष, धर्मशास्त्र, वृत कथायें व आरतियां के साथ शिक्षा से जुड़ी अनेक पुस्तकें उपलब्ध है, योजना अनुसार इन पुस्तकों को देवनागिरी, हिन्दी व अग्रेंजी में भी अनुवाद कर प्रकाशन कार्य संस्थान द्वारा किया जायेगा। प्रमुख क्षेत्रों में विशेषज्ञता लाने और सिंध के समृद्ध इतिहास और साहित्य को प्रोत्साहित करने के लिए स्थापित किया गया है।

महासचिव हरी चंदनाणी ने बताया कि कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राजस्थान सिन्धी अकादमी के अध्यक्ष रहे मोहनलाल वाधवाणी व अध्यक्षता सुधार सभा, अजमेर के संरक्षक ईश्वर ठाराणी करेगें। इसी अवसर पर म.द.स. विश्वविद्यालय सिन्धु शोध पीठ की पूर्व निर्देशक लक्ष्मी ठाकुर, वरिष्ठ पत्रकार व लेखक गिरधर तेजवानी, शिक्षाविद् व गायिका शांता भिरयाणी व हिन्दु सिन्धी समाचार पत्र के सम्पादक हरीश वर्याणी विशिष्ठ अतिथि रहेगें।

शुभारम्भ में संगठन के सदस्यों, शोधार्थियों, शोधकर्ताओं, शिक्षार्थियों, इतिहास और साहित्य प्रेमी सम्मिलित होगें। इसके अलावा कार्यक्रम में सिंध इतिहास व साहित्य के विषय में मंच संचालन, प्रश्नोत्तर सत्र, विशेष व्याख्यान और प्रायोगिक गतिविधियाँ शामिल होंगी।

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