बाल संस्कार शिविर के माध्यम से संस्कारवान बालक, बालिकाओं का निर्माण
प्राथमिक शिक्षण मातृभाषा में पढ़ने से इतिहास का ज्ञान बढ़ेगा - तीर्थाणी
अजमेर (अजमेर मुस्कान)। प्रेम प्रकाश आश्रम में भारतीय सिंधु सभा वैशाली नगर इकाई और स्वामी बसंतराम सेवा ट्रस्ट की और पहला बाल संस्कार शिविर आरंभ किया गया।
ट्रस्ट के स्वामी ब्रह्मनानंद शास्त्री, स्वामी राजूराम ने शिविर का उद्घाटन माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन कर किया। स्वामी जी ने आशीर्वचन देते हुए उपस्थित छात्रों और शिक्षकों के साथ मौजूद सभा के कार्यकर्ताओं को कहा कि अपनी संस्कृति और सभ्यता को नई पीढ़ी तक पहुंचाने में भारतीय सिंधु सभा ये भागीरथी प्रयास कर रही है।
मुख्य वक्ता राष्ट्रीय मंत्री महेंद्र कुमार तीर्थाणी ने उपस्थित छात्रों को अहवान करते हुए कहा कि हम ही 5000 साल पुरानी सिंधु घाटी सभ्यता के वाहक है और ये हमारी जिम्मेदारी है हम अपनी संस्कृति और भाषा को जीवित रखते हुए आज के समय से उसका मेल करते हुए राष्ट्र के विकास में अपना योगदान दे। भारत सरकार ने प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में करवाने के लिए विद्यार्थियों को जोड़ा है जिससे इतिहास व भाषा की पूरी जानकारी मिल सके। सभा प्रयास कर रही है कि सिंधू शोध पीठ के विकास के साथ केंद्रीय सिंधी विश्वविद्यालय की भी स्थापना हो। संगठन मंत्री मोहन कोटवाणी ने सभी का परिचय करवाते हुए शिविर गीत करवाया। सचिव पुरषोत्तम जगवाणी ने शिविर में आगामी दिवस की गतिविधियों की जानकारी दी। ट्रस्ट के हाशु आसवाणी ने संत महात्माओं की जीवनी पर प्रकाश डाला।
योगाचार्य दौलत राम थदाणी ने योगाभ्यास करवाया। ज्ञानी मोरवाणी, हरी केवलाणी, द्रोपदी खटवाणी शिक्षिकाओं ने शिक्षण करवाया। अध्यक्ष नरेन्द्र बसराणी ने स्वागत भाषण व किशन केवलाणी ने सभी का आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम में झूलेलाल मंदिर के शंकर टिलवाणी, दैनिक हिंदू सिंधी के हरीश वरयाणी, सिंधी युवा संगठन के कुमार लालवाणी, मधु मंगलाणी, ऋषि कुमार सहित अलग-अलग सामाजिक संगठनों के सेवादार उपस्थित थे।
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