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सिन्धी भाषा विश्वविद्यालय की शीघ्र स्थापना हो - तीर्थाणी

सिन्धी भाषा विश्वविद्यालय की शीघ्र स्थापना हो - तीर्थाणी

सिन्धी भाषा मान्यता दिवस की पूर्व संध्या पर संगोष्ठी में वक्ताओं ने प्रकट किये विचार

सिन्धी भाषा विश्वविद्यालय की शीघ्र स्थापना हो - तीर्थाणी

अजमेर (अजमेर मुस्कान)
10 अप्रेल 1967 को संविधान की आठवीं अनुसूची में मान्यता प्राप्त सिन्धी भाषा के ज्ञान व रोजगार के अवसरों को प्राप्त करने के लिये भारत सरकार को शीघ्र सिन्धी भाषा विश्वविद्यालय की स्थापना करनी चाहिये ऐसे विचार भारतीय सिन्धु सभा की ओर से सिन्धी भाषा मान्यता दिवस की पूर्व संध्या पर हरीसुन्दर बालिका विद्यालय में आयोजित संगोष्ठी में राष्ट्रीय मंत्री महेन्द्र कुमार तीर्थाणी ने प्रकट किये। तीर्थाणी ने कहा कि सिन्धी भाषा के विश्वविद्यालय की मांग सिन्धु महाकुम्भ में की गई व संगठन भारत सरकार से चर्चा कर रहा है निश्चित रूप से प्रयास सफल होगें। राजस्थान सरकार सिन्धी शोधपीठ का भी विधिवत संचालन प्रारम्भ करे जिससे शोधकार्यों में सहयोग मिलेगा।

विद्यालयय प्राचार्या दीदी महेश्वरी गोस्वामी ने कहा कि 10 अप्रेल 1967 को सिन्धी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में सम्मिलित किये जाने से पहले हुये प्रयासों पर विस्तृत जानकारी दी व कहा कि अब अकादमियों व राष्ट्रीय सिन्धी भाषा विकास परिषद को सिन्धी विषय लेकर अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने चाहिये।

प्रदेश मंत्री महिला मंजू लालवाणी ने विचार रखते हुये कहा कि सिन्धी भाषा के विद्यार्थियों के साथ सिन्धी शिक्षकों को जोडकर कार्यक्रम तैयार करने है व बाल संस्कार शिविरों के अधिक आयोजन किये जायेगें। नई शिक्षा नीति से मातृभाषा प्राथमिक स्तर से अध्ययन होने से विद्यार्थियों को पढ़ाई सरल हो जायेगी।

प्रशासनिक अधिकारी कमल आसूदाणी ने कहा कि विद्यार्थियों में भाषा के जुडाव में हो रहे प्रयासों की सराहना की एवं राज्य सरकार से मांग की कि राजस्थान लोक सेवा आयोग में पूर्व की भांति प्रशासनिक सेवा के लिये सिन्धी विषय को जोड़ा जाये।  

संगठन मंत्री मोहन कोटवाणी ने बताया कि कार्यक्रम का शुभारंभ आराध्यदेव झूलेलाल, भारत माता व सिन्ध के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलन कर किया गया। सिन्धी भाषा का गीत निर्मला जी- मिठडी अबाणी बोली....., अजंलि हरवाणी ने हेमू कालाणी तो शान वधायो देश जो......  मीना कांजाणी झूलण जो गीत ...... के.जे. ज्ञानी ने सभई भाषाउ रखो जबान ते पर सिन्धी खे न विसारजो...., तनिष लालवाणी, वंषिका डालाणी, साक्षी ने प्रस्तुत किये। स्वागत भाषण नरेन्द्र सोनी व आभार महानगर मंत्री महेश टेकचंदाणी ने प्रकट किया। मंच का संचालन रूकमणी वतवाणी ने किया।

हेमू कालाणी रंग भरो विद्यार्थियों का हुआ सम्मान -

वीर सपूत हेमू कालाणी के जन्मशताब्दी वर्ष के अवसर पर आयोजित रंग भरो प्रतियोगिता के विजेता विद्यार्थियों का भी सम्मानित किया गया जिसमें स्वामी सर्वानन्द विद्यालय, हरीसुन्दर बालिका विद्यालय व एच.के.एच. के विद्यार्थी सम्मिलित थे।

कार्यक्रम में हरकिशन टेकचंदाणी, घनश्याम भगत, दयाल शेवाणी, किशन केवलाणी, जयकिशन लख्याणी, पुरूषोतम जगवाणी, गोविन्द मनवाणी, सुरेश आलोम, ज्ञानी मोटवाणी, गोपी चांदवाणी, रमेश लखाणी, राम बालवाणी, मोहन तुलस्यिाणी, गिरधारी बत्रा, पुरूषोतम देवाणी, सीमा रामचंदाणी, चन्द्रप्रकाश, साक्षी हासाणी सहित संगठन के कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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