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भूख ना लगने व मतली से ग्रसित महिला के लीवर से निकाली बड़ी गांठ

मित्तल हॉस्पिटल के जीआई सर्जन डॉ एस पी जिंदल ने किया लीवर का ऑपरेशन

मित्तल हॉस्पिटल के जीआई सर्जन डॉ एस पी जिंदल ने किया लीवर का ऑपरेशन

अजमेर (अजमेर मुस्कान)। मित्तल हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर अजमेर के जीआई सर्जन डॉ एसपी जिंदल ने महिला के लीवर से बड़ी गांठ निकाल कर जानलेवा बन रहे रोग से रोगी को मुक्त कर दिया। गांठ की वजह से महिला के पेट में दर्द रहता था और भूख में कमी हो गई थी। भोजन नहीं कर पाने के कारण उनका वजन निरंतर कम होने की शिकायत थी। आॅपरेशन के बाद महिला को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। पीड़ित महिला का कहना है कि उन्हें फिर से भूख लगने लगी है और वह ठीक से खाना खाने लगी हैं।

अजमेर के निकटवर्ती ग्राम गड्डी अर्जुनपुरा मांगलियावास निवासी सम्पत राठौड़ ने बताया कि उसकी भाभी राजेश कंवर पिछले कई महीने से बीमार थी। धीरे—धीरे उनके पेट में दर्द रहने लगा। पेट फूलता हुआ लगता था जबकि उनको भूख लगना ही बंद हो गई थी। कुछ भी खाने का प्रयास करती तो उबकाई आ जाती थी। शरीर में कमजोरी बढ़ने लगी थी। उपचार कराते थे तो भी कोई आराम नहीं मिल रहा था।

मित्तल हॉस्पिटल के जीआई सर्जन डॉ एसपी जिंदल के प्रति उनका विश्वास पहले से था, लिहाजा वह उनके पास भाभी को दिखाने लाई। डॉ जिंदल की सलाह पर रोगी की सीटी स्कैन जांच कराई गई जिसमें उनके लीवर में विशेष तरह की गांठ होने की जानकारी मिली। डॉ जिन्दल की सलाह पर उनके लीवर की गांठ का आॅपरेशन कराया गया। रोगी अब अच्छा महसूस कर रही हैं। उन्होंने भोजन करना भी शुरू कर दिया है।

मित्तल हॉस्पिटल के जीआई सर्जन डॉ एस पी जिंदल ने बताया कि जांच रिपोर्ट के अनुसार रेडियोलॉजिस्ट ने रोगी के पेरिफेरल कोलेंजियोकार्सिनोमा बताया। यह विशेष तरह की गांठ लीवर कैंसर की श्रेणी की होती है। ऐसे लीवर कैंसर शीघ्र ही रोगी के शरीर के अन्य हिस्सों में फैलने वाला होता है। रोगी के यह शरीर के दाए हिस्से में फैला हुआ था। रोगी के परिवारजन को सभी तरह के जोखिम की जानकारी देते हुए उन्हें सर्जरी कराने में ही रोग से निजात मिलने की स्थिति से अवगत कराया गया। डॉ जिंदल ने बताया कि लीवर में सर्जरी जटिल होने के साथ—साथ जान के लिए खतरा भी होता है। रोगी के परिवारजनों के निर्णय पर रोगी का आॅपरेशन कर दिया गया। मरीज की हालत में सुधार होने पर सकुशल छुट्टी दे दी गई।

डॉ जिन्दल ने बताया कि आॅपरेशन में ऐनेस्थीसियोलॉजिस्ट डॉ राजीव पांडे, डॉ उमेश, डॉ चण्डी विश्वास ओटी स्टाफ के मदन, मरुधर, नम्रता, आयुषि, राहुल, मुकेश, रामेश्वर का सराहनीय सहयोग रहा।

डॉ जिन्दल ने बताया कि इस तरह के मरीजों को पोस्ट ओटी आईसीयू केयर की जरूरत होती है। मित्तल हॉस्पिटल में आईसीयू में दक्ष चिकित्सकों की टीम और ओटी में उपलब्ध सभी आधुनिक चिकित्सा उपरकणों के कारण इस तरह की उन्नत चिकित्सा सुविधाएं यहां मिल रही हैं।

निदेशक डॉ दिलीप मित्तल ने बताया कि मित्तल हॉस्पिटल केंद्र एवं राज्य सरकार यानी  सीजीएचएस व आरजीएचएस तथा रेलवे कर्मचारियों, पेंशनर्स, भूतपूर्व सैनिकों (ईसीएचएस), ईएसआईसी (ईएसआईसी) एवं राजस्थान स्वास्थ्य मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वस्थ्य बीमा योजना द्वारा बीमित रोगियों व सभी टीपीए द्वारा उपचार के लिए अधिकृत है। 

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