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स्वैच्छिक क्षेत्र विकास केन्द्र : प्रशासन एवं स्वयंसेवी संस्थाओं के मध्य हुआ संवाद

स्वैच्छिक क्षेत्र विकास केन्द्र : प्रशासन एवं स्वयंसेवी संस्थाओं के मध्य हुआ संवाद

अजमेर (अजमेर मुस्कान) ।
प्रशासन एवं स्वयंसेवी संस्थाओं के मध्य स्वैच्छिक क्षेत्र विकास केन्द्र द्वारा आयोजित दो दिवसीय संवाद कार्यक्रम का शुभारंभ मंगलवार को जवाहर रंगमंच में किया गया।

स्वैच्छिक क्षेत्र विकास केन्द्र के अध्यक्ष मुमताज मसीह ने कहा कि समाज के लिए कार्य करने वाले संगठन तथा व्यक्ति के प्रति सदैव आदर भाव रहा है। इसका कारण उनके द्वारा परमार्थ की सोच रखना है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सोच समाज को आगे बढाने की है। इसलिए सरकार द्वारा आमजन को राहत दी जा रही है। इस राहत को सीधे व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए महंगाई राहत कैम्प लगाए जा रहे है। आमजन को चिकित्सा प्राप्त करने के लिए चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। इसी प्रकार शिक्षा के क्षेत्र में भी नवाचार किए गए हैं। इनके अंतर्गत महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम के विद्यालय खोले गए हैं। इससे गरीब के बच्चों को भी अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा सुलभ हुई है।

उन्होंने कहा कि स्वैच्छिक क्षेत्र विकास केन्द्र का लक्ष्य समाज सेवा के क्षेत्र में कार्य करने वालों को एक मंच प्रदान करना है। इसकी पूर्ति के लिए पंजीयन कराना होगा। पंजीयन की प्रक्रिया को सरल रखा गया है। इससे साधारण व्यक्ति भी आसानी से पंजीकरण करा सकेंगे। पंजीयन के पश्चात इनके प्रमाणीकरण की प्रक्रिया अमल में लायी जाएगी।

उन्होंने कहा कि सरकार जनकल्याणकारी योजनाओं को पात्र व्यक्ति तक पहुंचाने में स्वयंसेवी संगठनों, ट्रस्टों, फाउंडेशन एवं गैरलाभकारी संस्थाओं को माध्यम बनाने की दिशा में कार्य कर रही है। इससे इन संस्थांओं के नेटवर्क का लाभ वंचित वर्ग को मिलेगा। केन्द्र द्वारा भविष्य में इन संस्थांओं के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। प्रशिक्षण कार्यक्रम जिला स्तर पर संवाद गतिविधियां संपादित होने पर आयोजित हाेंगे।

राजस्थान समाज कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष अर्चना शर्मा ने कहा कि स्वैच्छिक क्षैत्र विकास केन्द्र का गठन होने से समाज के लिए कार्य करने वालों को भविष्य में व्यस्थित क्षेत्र मिलेगा। इसका लाभ संस्थांओं के साथ-साथ आमजन को भी होगा। सरकार द्वारा महंगाई राहत कैम्प लगाए जा रहे हैं। वर्तमान में राज्य का प्रत्येक परिवार लाभार्थी है। इस प्रकार की योजनाओं को पात्र व्यक्ति तक पहुंचाने में स्वयंसेवी संस्थाओं की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है। राजस्थान ही एकमात्र राज्य है, जहां पशुओं के लिए भी उपचार निःशुल्क है।

स्वैच्छिक क्षेत्र विकास केन्द्र के विशेष सलाहकार संजय गौड ने कहा कि राजस्थान में काम कर रही समस्त संस्थाओं को वीएसडीसी पोर्टल पर अपना पंजीयन कराना अनिवार्य है। इन संस्थाओं को राज्य सरकार के साथ मिलकर कार्य करने के लिए प्रमाणीकरण भी कराना होगा। इसका लक्ष्य योजनाओं को अन्तिम व्यक्ति तक पहुंचाना है। इससे सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, श्रम विभाग, शिक्षा विभाग, कृषि विभाग, पशुपालन विभाग, ग्रामीण एवं पंचायतीराज विभाग, वन एवं पर्यावरण विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग सहित 10 विभागों की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ सीधे लाभार्थी तक पहुंचेगा।

संवाद कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के अधिकारियों द्वारा विभागीय योजनाओं का प्रस्तुतिकरण एवं जानकारी प्रदान की गई। साथ ही इन योजनाओं के क्रियान्वयन में आने वाली चुनौतियों के सम्बन्ध में चर्चा की गई। इन चुनौतियों के समाधान विशेषज्ञों द्वारा बताए गए। जनजाति विकास एवं चुनौतियों के बारे में सांख्यिकी विभाग के अधिकारियों द्वारा के द्वारा जानकारी दी गई। अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस.एस. जोधा ने स्वास्थ्य सबका अधिकार विषय पर अपने विचार व्यक्त किए। जिला परिविक्षा एवं समाज कल्याण अधिकारी रामावतार जाट ने सामाजिक न्याय के माध्यम से विशेष योग्यजनों को गरीमामय पहचान दिलाने के सम्बन्ध में जानकारी प्रदान की। मुख्य आयोजना अधिकारी रूद्रा रेणु ने समग्र ग्रामीण विकास की दिशा में आने वाली चुनौतियों के समाधान सुझाए। पुलिस एक नागरिक मित्र के रूप में कार्य कर रही है। इस सम्बन्ध में भी परिचर्चा का आयोजन किया गया।

संवाद कार्यक्रम के अन्तर्गत बुधवार को वीएसडीसी पोर्टल पर पंजीयन की प्रक्रिया के सम्बन्ध में जानकारी दी जाएगी। साथ ही महिला एवं बाल विकास विभाग, श्रम विभाग, कृषि विभाग, पशुपालन विभाग, शिक्षा विभाग तथा वन विभाग की योजनाओं पर चर्चा की जाएगी।

इस अवसर पर स्वैच्छिक क्षेत्र विकास केन्द्र के मनोनित सदस्य सत्यनारायण मंगरोरा, पूर्व मंत्री नसीम अख्तर, महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति के संयोजक डॉ. श्रीगोपाल बाहेती, पंकज दाधीच, महेन्द्र सिंह रलावता, विजय जैन, द्रोपदी, प्रियदर्शी भटनागर, विपिन बैन्सिल एवं मुन्नवर खान सहित अधिकारी, जनप्रतिनिधि एवं स्वयंसेवी संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित थे।

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