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परीक्षा की विश्वसनीयता के लिए नियमों में शिथिलता और सहानूभूति नहीं बरती जाये : चौधरी

परीक्षा की विश्वसनीयता के लिए नियमों में शिथिलता और सहानूभूति नहीं बरती जाये : चौधरी

अजमेर (अजमेर मुस्कान)।
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की सचिव मेघना चौधरी ने कहा कि परीक्षा लेने वाले संस्थानों की विश्वसनीयता उनके द्वारा आयोजित परीक्षाओं में निष्पक्षता, गोपनीयता और पारदर्शी मूल्यांकन पर निर्भर करती है। वर्तमान परिदृश्य में प्रश्न पत्रों की सुरक्षा और गोपनीयता सबसे महत्वपूर्ण कारक बन गये है। शिक्षा अधिकारी बोर्ड परीक्षाओं के लिए प्रत्येक केन्द्र को संवेदनशील मानकर चले। परीक्षा की विश्वसनीयता के लिए आवश्यक है कि नियमों में किसी भी स्तर पर शिथिलता और सहानूभूति नहीं बरती जाये।  

चौधरी शुक्रवार को बोर्ड के राजीव गाँधी भवन में परीक्षा वर्ष 2023 के सफल आयोजन के संबंध में दो दिवसीय सन्दर्भ व्यक्तियों के प्रशिक्षण कार्य गोष्ठी के अन्तिम दिन संबोधित कर रही थी। ये संदर्भ व्यक्ति अपने-अपने जिलों में बोर्ड परीक्षा केन्द्रों के केन्द्राधीक्षकों और अतिरिक्त केन्द्राधीक्षकों को परीक्षाओं के सुचारू आयोजन के लिये प्रशिक्षित करेंगे।

उन्होंने कहा कि बोर्ड परीक्षाओं के सफल संचालन का पहला दायित्व संदर्भ व्यक्तियों का है क्योंकि वे ही अपने क्षेत्र के केन्द्राधीक्षकों को परीक्षाओं के सफल संचालन के लिये प्रशिक्षित करेंगे। प्रशिक्षण का महत्व वर्तमान संदर्भो में इसलिये भी बढ़ गया है क्योंकि षिक्षा और तकनीक के क्षेत्र में हो रहे परिवर्तनों को हमें अपनी कार्यषैली से जोड़ना होगा। उन्होंने कहा कि प्रशन-पत्रों की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है। किसी भी केन्द्र पर गलत प्रष्न-पत्र खुलने से लाखों विद्यार्थियों, अभिभावकों पर विपरीत प्रभाव पड़ता है, इसलिये शिक्षक प्रशन- पत्र खोलने में विशेष सावधानी बरतें। सभी परीक्षा केन्द्रों पर राजकीय शिक्षक और कार्मिक ही परीक्षा से जुड़े सभी कार्यों को अंजाम देंगे। 

बोर्ड के विशेषाधिकारी (परीक्षा) नीतू यादव ने कहा राजस्थान बोर्ड की परीक्षाओं की राष्ट्रव्यापी लोकप्रियता है इसलिये बोर्ड कार्मिकों और शिक्षा अधिकारियों का दायित्व है बोर्ड का इकबाल बुलन्द रहे। छोटी सी चूक से पूरी परीक्षा व्यवस्था चरमरा सकती है। संचार और तकनीकी के नये साधनों से कहीं परीक्षा व्यवस्था में सेंध न लगे इस दृष्टि से केन्द्राधीक्षकों को सजग रहना होगा।

मुख्य परीक्षा नियंत्रक-राजेश निर्वाण ने कहा कि परीक्षा केन्द्र पर सिंगल सीटेड फर्नीचर की व्यवस्था होनी चाहिए। केन्द्राधीक्षकों की जिम्मेदारी है कि परीक्षा केन्द्र पर बिजली, पानी, शौचालय इत्यादि की समुचित व्यवस्था हो। सभी थानों, पुलिस चौकी, एकल केन्द्र व नोडल केन्द्र पर पेपर कोर्डिनेटर की नियुक्ति जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) से कराई जायेगी। परीक्षा काल में परीक्षार्थी और परीक्षा व्यवस्था से जुडे कार्मिकों का मोबाइल के साथ परीक्षा केन्द्रों में प्रवेश वर्जित रहेगा।       

बोर्ड के निदेशक-गोपनीय मंघाराम तोलानी ने पावर पोईन्ट पे्रजन्टेशन के माध्यम से पूरी परीक्षा व्यवस्था की व्याख्या की। उन्होंने कहा कि राज्य के अधिकांशतः परीक्षा केन्द्रों की अलमारी निकटवर्ती थानों में रखने की व्यवस्था की गई है। बोर्ड प्रश्न पत्रों की सुरक्षा को सर्वोच्च महत्व दे रहा है। केन्द्राधीक्षकों की महत्ती जिम्मेदारी है कि वे प्रश्न पत्र का लिफाफा खोलने में पूरी सावधानी बरते। 

कार्यगोष्ठी में वित्तीय सलाहकार- रश्मि बिस्सा, निदेशक (शैक्षिक) राकेश स्वामी, उपनिदेशक राजेन्द्र गुप्ता,  राकेश माथुर और गणेश चौधरी भी उपस्थित थे। कार्यगोष्ठी का संचालन वरिष्ठ सहायक निदेशक- दिनेश ओझा ने किया। 

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