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युवाओं को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचारों से जोड़ने की आवश्यकता - मुख्य सचिव

अजमेर में गांधीवादी संस्थाओं का राष्ट्रीय सम्मेलन शुरू

अजमेर में गांधीवादी संस्थाओं का राष्ट्रीय सम्मेलन शुरू

गांधीवादी विचारकों ने कहा, बापू के आर्दशो से ही समाज का विकास संभव

अजमेर (अजमेर मुस्कान)। आज भारत सहित पूरे विश्व को उन्नति, अहिंसा और सत्य के र्माग पर चलने के लिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आर्दशों पर चलने की आवश्यकता है। युवा गांधीवादी विचारों से जुड़ें तो बदलाव तेजी से संभव है। गांधी र्दशन पूरे विश्व को भारत की अनुपम देन है जिस पर चलकर मानवता और अधिक विकसित हो सकती है।

यह साझा विचार शनिवार से अजमेर में शुरू हुए गांधीवादी संस्थाओं के राष्ट्रीय सम्मेलन में उभर कर आया। सम्मेलन का शुभारम्भ शनिवार को कोटड़ा स्थित गांधी स्मृति उद्यान में हुआ। इसमें राज्य की मुख्य सचिव ऊषा शर्मा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़ी।

र्कायक्रम में मुख्य सचिव ऊषा शर्मा ने कहा कि शांति एवं अहिंसा विभाग द्वारा इस तरह का प्रथम आयोजन है। राष्ट्र स्तर की गांधीवादी संस्थाओं का सम्मलेन विभाग की पहल पर हो रहा है। उन्होंने कहा कि गांधी जी के सिद्धान्तों को अधिकतम व्यक्तियों तक पहुंचाने के लिए इस प्रकार के आयोजन र्साथक सिद्ध होंगे। इससे युवा पीढ़ी बापू के विचारों को जान पाएगी। र्वतमान परिस्थिति में गांधी विचारों को अंगीकार कर सामाजिक जीवन में उपयोग ले सकेंगे। राज्य सरकार युवाओं को गांधी र्दशन से प्रशिक्षित करने के लिए गम्भीर है। महिलाओं को गांधी र्दशन से सशक्त करने में प्रयास किए जा रहे है। जयपुर में गांधी म्यूजियम भी बनकर तैयार हो रहा है।

गांधीवादी  विचारक एवं गांधी स्मारक निधि राजघाट दिल्ली के अध्यक्ष रामचन्द्र राही ने कहा कि इस सम्मेलन में लघु भारत विद्यमान है। र्वतमान में संक्रमण का दौर है। इसमें गांधीवादियों को अपनी भूमिका सशक्त तरीके से निभानी होगी। राजस्थान सरकार ने अहिंसा तथा सत्य की विचारधारा के प्रसार की जिम्मेदारी नया विभाग बनाकर ग्रहण की है। लोकतंत्र में जनता शासन की वास्तविक उत्तराधिकारी होती है। वही उसकी नियंत्रक भी होती है। गांधी जी ने देश में सत्ता पर्रिवतन के लिए जनता को तैयार किया । इससे आमजन में लोकतंत्र की समझ मजबूत हुई ।

उन्होंने कहा कि गांधीजनों का प्राथमिक र्काय ग्राम स्वराज की बुनियाद मजबूत करना है। इसके लिए सरकार की नीतियां गांधी विचारों के अनुकूल होनी चाहिए। लोकशक्ति राजशक्ति से ज्यादा मजबूत होने से सत्ता का विके्रन्द्रीकरण होगा। इससे लोकतंत्र मजबूत होगा। गांधीजनों को लोकतंत्र मजबूत करने के लिए आगे आना चाहिए। विचारों का आदान-प्रदान एवं स्वस्थ आलोचना को लोकतंत्र का प्राण माना गया है। इस प्रकार के आयोजन प्रत्येक प्रदेश में होने चाहिए।  र्कायक्रम के मुख्य अतिथि दैनिक नवज्योति के प्रधान सम्पादक दीनबंधु चौधरी एवं स्वतंत्रता सेनानी शोभाराम गहरवार रहे।

महात्मा गांधी जीवन र्दशन समिति के जिला संयोजक डॉ. श्रीगोपाल बाहेती ने कहा कि यह सम्मेलन देश को  सत्य और अहिंसा का रास्ता दिखाएगा।  सम्मेलन के आयोजन का अवसर अजमेर को मिला है । यह अजमेर की सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाने में मददगार होगा। विश्व शांति के लिए अजमेर घोषणा पत्र पारित किया जाएगा। राज्य सरकार ने गांधी जी में रचनात्मक र्कायो को बजट में स्थान दिया है। इसमे व्यक्ति के स्तर पर मजबूती  आएगी। व्यक्ति मजबूत होने पर देश मजबूत होगा ।

शांति और अहिंसा विभाग के आयुक्त मनीष शर्मा ने कहा कि र्वतमान समय में सामाजिक समरसता को बनाया जाना महत्वर्पूण है। इसके लिए सम्मेलन में होने वाली र्चचाओं को जन जन तक पहुंचाना होगा। परम्परागत संचार माध्यमों के साथ-साथ सोशल मीडिया का भी उपयोग होना चाहिए।

जिला कलेक्टर अंश दीप ने कहा कि राज्य सरकार महात्मा गांधी के र्दशन को प्रत्येक स्तर तक पहुंचाने के लिए प्रयासरत है। इसके लिए टीम र्वक किया जा रहा है। यह सम्मेलन  इन विचारों को सभी स्तर तक सुगमता से  पहुंचाने के  लिए आयोजन किया  गया है। 

शांति एवं अहिंसा विभाग के सचिव नरेश ठकराल ने वीसी के माध्यम से आभार व्यक्त किया। सम्मेलन की रूपरेखा महात्मा गांधी जीवन र्दशन समिति के सह संयोजक शक्तिप्रताप सिंह ने रखी। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक चूनाराम जाट, गांधी स्मारक उत्तर  प्रदेश, दिल्ली, मध्यप्रदेश, बिहार, छतीसगढ़ तेलंगाना, आन्ध्र  प्रदेश, उत्तराखण्ड, पंजाब, हरियाणा  के प्रतिनिधि, गांधी शांति प्रतिष्ठान के अध्यक्ष कुमार प्रशांत, समग्र सेवा संघ के प्रदेशाध्यक्ष सवाई सिंह, आशा बोथरा गोरांग, र्सवोदय मण्डल के विनोद रंजन, साझा संस्कृति मंच वाराणसी के हरिशचन्द्र लोकतांत्रिक राष्ट्र निर्माण  अभियान की जागृति राही, सिटीजन फॉर डेमोक्रेसी के विश्वजीत, नेशनल मूवमेंट फ्रन्ट के सौरभ बाजपेई, खुदाई खिदमतगार के फैजल खान, राष्ट्रीय युवा संगठक मनोज  ठाकरे, किसान र्मोचा के सत्यप्रकाश भारत सहित गांधीवादी  विचारक उपस्थित थे। 

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