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जेएलएन हॉस्पिटल अजमेर में मौत को हरा लौटा एक साल का मासूम कार्तिक

जेएलएन हॉस्पिटल अजमेर में मौत को हरा लौटा एक साल का मासूम कार्तिक

ऑक्सीजन लेवल 40, दिल की धड़कन दो बार बंद, फिर भी मौत को हरा लौटा एक साल का मासूम कार्तिक

अजमेर (AJMER MUSKAN)। राजकीय जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय में एक साल का छोटा बच्चा कार्तिक मौत को हरा लौट आया। चिकित्सकों की अथक मेहनत से 40 प्रतिशत ऑक्सीजन लेवल और दो बार धड़कन बंद होने पर भी वह ठीक हो गया।

चिकित्सालय अधीक्षक डॉ. नीरज गुप्ता ने बताया कि चिकित्सालय के शिशु रोग विभाग के आपातकालीन परिसर में एक शिशु मरीज कार्तिक उम्र 01 वर्ष, सांस में अचानक तकलीफ होने के कारण दिखाने आया था। बच्चे की गंभीर हालात को देखते हुये तत्काल गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती किया गया। बच्चे को सांस में अत्यधिक तकलीफ के चलते ऑक्सीजन का लेवल 40 प्रतिशत ही रह गया। बच्चें की दिल की धड़कन भी कम हो गयी। इसके कारण बच्चे को तुरन्त सांस की मशीन वेन्टीलेटर पर लिया गया। बच्चे में सबसे पहले फॉरेन बॉडी एस्पीरेशन बीमारी का अनुमान लगाया गया। इस चिकित्सालय के नाक, कान, गला रोग विभाग से सामंजस्य स्थापित करते हुये बच्चे की तुरन्त रिजीड ब्रोकोस्कोपी करवायी गयी। जांच करवाने पर बच्चे में म्यूकस प्लग नामक दुर्लभ बीमारी पायी गयी। वेन्टीलेटर पर भी बच्चे का बीच-बीच में ऑक्सीजन का लेवल काफी कम हो जाता था। दो बार बच्चे की धड़कन बंद हो गयी थी।  सीपीआर देकर धड़कन को पुनः चालु किया गया। लगभग 20 दिन बाद बच्चे को सांस की मशीन से हटाने में बार-बार विफल होने के बाद डॉक्टर्स की टीम द्वारा ट्रेकोस्टॉमी करवाने का निर्णय लिया गया। प्रारम्भ में ट्रेकोस्टॉमी द्वारा भी सांस की मशीन से ही सांस दिया गया । बाद में धीरे-धीरे ऑक्सीजन कम करके बच्चे को सामान्य वातावरण में रखा गया।

वर्तमान में बच्चा पूर्णतः स्वस्थ हैं एवं किसी भी प्रकार की समस्या से ग्रसित नहीं है। बच्चे को 03 महीने चिकित्सालय में ईलाज के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया हैं। चिकित्सालय में बच्चे का ईलाज शिशु रोग विभाग से डॉ. अनिल जैन, वरि. आचार्य एवं विभागाध्यक्ष डॉ. पुखराज गर्ग, वरि आचार्य, डॉ. जयप्रकाश नारायण, डॉ. मोहम्मद अजीज, डॉ. पवन, डॉ. रवि, डॉ. ब्रजमोहन, डॉ. अंशु, डॉ. शुभ्रा, डॉ. नीलू, डॉ. अक्षय, डॉ. महेन्द्र, डॉ. निशना, डॉ. खुशबू, डॉ. अशोक, डॉ. अफजल, डॉ. राधा, डॉ. दिव्या, डॉ. विजेश, डॉ. पूजा, डॉ. निकिता, डॉ. शिल्पी, डॉ. चंन्द्रप्रकाश, डॉ. कमलेश, डॉ. सुगेन्द्र एवं नर्सिंग स्टाफ भरत, हेमेन्द्र कंवरपाल एवं अन्य नर्सिंग स्टाफ द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। साथ ही चिकित्सालय के ईएनटी रोग विभाग से डॉ. दिग्विजय आचार्य एवं विभागाध्यक्ष, डॉ. योगेश आसेरी, एवं रेजीडेंट चिकित्सक टीम का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा हैं।

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