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इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना : दूसरी संतान होने पर मिलेगी सहायता राशि

इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना : दूसरी संतान होने पर मिलेगी सहायता राशि

अजमेर (AJMER MUSKAN)।
इदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना के तहत् अब दूसरी संतान होने पर भी महिलाओं को तीन किश्तों में आर्थिक सहायता मिलेगी।

महिला एवं बाल विकास विभाग के उप निदेशक सिकरामाराम चोयल ने बताया कि गर्भवती महिलाओं व माताओं के स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट में आईजीएमपीवाई की घोषणा की थी। महिला एवं समेकित बाल विकास विभाग की ओर से दिसम्बर 2022 से योजना के प्रावधानों की पालना शुरू हुई है। महिलाएं योजना के तहत उपलब्ध आर्थिक सहायता का उपयोग पौष्टिक आहार प्राप्त करने के लिए कर सकेंगी।

उन्होंने बताया कि महिलाओं के दूसरी संतान होने पर तीन किश्तों में लडके के जन्म पर 6000 व लडकी के जन्म पर 8000 का भुगतान होगा। गर्भावस्था जांच पंजीकरण होने पर पहली किश्त में एक हजार रूपए कम से कम 2 प्रसव पूर्व जांच पूरी होने पर दूसरी किश्त के रूप में भी एक हजार और तीसरी किश्त के रूप में लड़के के जन्म पर 4 हजार और लड़की के जन्म पर 6 हजार रूपए की सहायता मिलेगी। जून 21 के बाद दूसरी संतान के लिए गर्भवती होने वाली महिलाएं योजना के तहत लाभान्वित होगी । इसके लिए दूसरे बच्चे का जन्म एकअप्रेल 2022 के बाद का होना चाहिए।

उन्होंने बताया कि लाभार्थी को जागरूक करने में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका है।उनके द्वारा किश्तों के लिए किसी भी पात्र महिला को योजना के बारे में बताने, पंजीकृत होने और एएनएम की सेवा प्राप्त करने के लिए प्रेरित करने, पात्र महिलाओं की स्थिति के अनुसार समय समय पर पोषण-वजन वृद्धि संबंधी परामर्श देने, लाभार्थी का जन आधार या खुद का बैंक खाता खुलवाने में सहयोग किया जाएगा। नए लाभार्थी का किसी कारण पीसीटीएस पर पंजीकरण नही हुआ तो पंजीकरण के लिए जरूरी कारवाई की जिम्मेदारी निभाने पर आंगनबाडी कार्यकर्ता व सहायिका को प्रति किश्त 30 रुपए मानदेय का भुगतान किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि महिला पर्यवेक्षक की भी लाभार्थी के हित में अलग-अलग जिम्मेदारी तय की गई है। महिला पर्यवेक्षक लाभार्थी के आंगनबाडी केन्द्र पर पंजीकृत होने पर लाभार्थी योजना के लिए पात्र होने और पीसीटीएस में प्राप्त सूचना में लाभार्थी की सही जानकारी होना तय करेगी। लाभार्थी का आवेदन निरस्त होने पर महिला के स्तर से अस्वीकृति कारण सहित राजपोषण पोर्टल पर दर्ज करनी होगी। लाभार्थी के लिए पीसीटीएस पर पंजीकरण निजी जनाधार आईडी व जनाधार का बैंक खाते से लिंक होना जरूरी है। पीसीटीएस में महिला का नाम व जनाधार में नाम एक होना चाहिए। इनमें से किसी भी एक शर्त के पूरी नहीं होने पर महिला को योजना का लाभ नहीं मिलेगा।

उन्होंने बताया कि जिले में योजना के शुरू होने पर महिला पर्यवेक्षकों द्वारा अब तक 2560 महिलाओं के आवेदन सत्यापित कर भुगतान के लिए अग्रेषित किए गए है। सहायता राशि सीधे लाभार्थी के बैंकखाते में स्थानांतरित होगी।

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