अजमेर (AJMER MUSKAN)। नागरिक सुरक्षा विभाग के 60 वें स्थापना दिवस के अवसर पर जिला स्तरीय कार्यक्रम में आपदा राहत एवं बचाव उपकरणों की प्रदर्शनी लगाई गई है।
संभागीय आयुक्त भंवरलाल मेहरा ने आयोजन में कहा कि 1962 के भारत चीन युद्ध के दौरान नागरिकों का उपयोग लेने के लिए किसी संगठन की आवश्यकता महसूस की गई। इसके लिए नागरिक सुरक्षा विभाग की स्थापना हुई। इसकी स्थापना के पश्चात हुए युद्धों में नागरिक सुरक्षा ने अहम भूमिका निभाई। देश में जान माल की हानी को सीमित रखा। युद्धरत सैन्य बलों के लिए आवश्यक सामग्रियों के उत्पादन के निरंतरता को बनाए रखा। इससे देश एवं सैनिकों का मनोबल उच्च रहा। आज भी नागरिक सुरक्षा आपातकाल में बहु उपयोगी है। साथ ही जान-माल की हानि के बचाव में अग्रणी किरदार निभाता है।
जिला कलेक्टर अंशदीप ने कहा कि नागरिक सुरक्षा प्रमुख आपातकालीन एजेंसियों में सर्वोच्च स्थानपर है।ऎसे कई दृष्टांत हुए हैं जहां नागरिक सुरक्षा ने आपातकाल में सबसे पहले पहुंचकर सहयोग किया है। नागरिक सुरक्षा विभाग की समाज को लगातार आवश्यकता रहती है। विभाग को नए तकनीकी यंत्रों से अपग्रेड करते रहना आवश्यक है।
कार्यक्रम में आपदा, राहत एवं बचाव में उपयोग आने वाले उपकरणों की प्रदर्शनी का शुभारंभ किया गया। अतिथियों ने प्रदर्शनी का अवलोकन करने के साथ-साथ विभिन्न उपकरणों की कार्यप्रणालियों के बारे में जानकारी ली। नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवक श्री गौरव ने रेस्क्यू तकनिक रेपलिंग रोप के जरीए कैराबिनर के सहारे और सिमरन द्वारा मल्टीपल थमनॉट पद्धति से भवन से उतरकर अतिथियों का स्वागत किया।
नागरिक सुरक्षा के 1971 के युद्ध काल में सेवाएं दे चुके वयोवृद्ध सदस्य श्री सुदर्शन दत्त शर्मा एवं श्री श्रवण सिंह रावत ने अपने अनुभव साझा किए। उपस्थित स्वयंसेवकों को मार्गदर्शन प्रदान किया। मंच संचालन नागरिक सुरक्षा के कार्मिक श्री प्रशांत झा ने किया। नागरिक सुरक्षा के स्वयंसेवक श्री शक्ति सिंह व रवि कुमार द्वारा के सहयोग प्रदान किया गया।
इस अवसर पर अतिरिक्त जिला कलेक्टर भावना गर्ग, नागरिक सुरक्षा की उप नियंत्रक देविका तोमर, लोक अदालत के स्थाई सदस्य सुरेश सिंधी सहित अधिकारी एवं स्वयंसेवक उपस्थित थे।
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