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अजमेर स्टेशन पर क्लॉक रूम की आउटसोर्सिंग

अजमेर स्टेशन पर क्लॉक रूम की आउटसोर्सिंग

अजमेर (AJMER MUSKAN) ।
  उत्तर पश्चिम रेलवे  पर पहली बार, अजमेर मंडल ने अजमेर स्टेशन पर एक वर्ष की अवधि के लिए अजमेर स्टेशन पर क्लोक रूम (अमानती समान घर) की आउटसोर्सिंग की गई है। आउटसोर्सिंग की  मंजूरी नई इनोवेटिव नान-फेयर रेवेन्यू आइडिया स्कीम (एनआईएनएफआरआईएस) पॉलिसी के तहत की गई है । मंडल रेल प्रबंधक राजीव धनखड़ की स्वीकृति के पश्चात वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक विवेक रावत द्वारा इस संबंध आदेश जारी कर दिए गए है । यह उत्तर पश्चिम रेलवे पर अपने प्रकार का पहला अनुबंध है। इस अनुबंध से रेलवे को लाइसेंस शुल्क के रूप में प्रति वर्ष 2,74,115 रुपये का राजस्व प्राप्त होगा।

इसके अलावा यह लगभग 36.17 लाख प्रति वर्ष की बचत करेगा जो वेतन आदि के भुगतान के रूप में  किया जा रहा था, इसके अलावा बिजली के बिल, स्टेशनरी और अन्य खर्चों की बचत होगी। इस प्रकार इससे रेलवे को  कुल कमाई 38.91 लाख रुपये प्रति वर्ष होगी। वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक विवेक रावत के अनुसार अजमेर स्टेशन पर क्लॉक रूम की आउटसोर्सिंग से रेल यात्रियों को बेहतर सेवाएं जैसे डिजिटल भुगतान, सीसीटीवी कैमरा सर्विलांस इत्यादि मिलेंगी साथ ही  यात्रियों के सामान की सुरक्षा पूर्णतया सुनिश्चित की जा सकेगी और रेल राजस्व भी बढ़ेगा। उल्लेखनीय है कि रेलवे यात्रियों को  भारतीय रेलवे  के प्रमुख स्टेशनों पर ‘क्लॉक रूम’ की सुविधा होती है। रेलवे द्वारा मुहैया कराए गए इन क्लॉक रूम में यात्री अपना सामान सुरक्षित रख सकते हैं और अपनी सुविधानुसार इसे वापस निकाल सकते है।  एक निर्धारित चार्ज पर यात्री स्टेशनों पर मुहैया कराए क्लॉक रूम में अपना सामान रख सकते हैं। इसमें यात्रियों को सामान पूरी सुरक्षा से रखा जाता है। क्लॉक रूम में सामान रखने के बदले एक रसीद दी जाती, जिसको दिखाने पर यात्री अपना सामान दोबारा हासिल कर सकते है।  सुरक्षा की दृष्टि को ध्यान में रखते हुए क्लॉक रूम में रखा गया सामान तब तक वापस नहीं दिया जाता जब तक उक्त यात्री कर्मचारी को रसीद नहीं दिखा देता।

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