बाल मित्र हो ग्राम पंचायतें-बच्चों के अधिकारों पर चर्चा आवष्यक : जिला प्रमुख
अजमेर (AJMER MUSKAN)। बाल हितैषी पंचायत अभियान बच्चों की संरक्षण और ग्राम विकास योजनाओं में सहभागिता के लिए जन जन को जागरूक करना और ग्राम पंचायतों को बाल मित्र ग्राम पंचायत निर्माण में बच्चों की सहभागिता के लिए पहल करना जरूरी हो गया है। जिससे कि हिंसामुक्त बचपन का सपना पुरा किया जा सके। राज्य सरकार, पंचायतीराज विभाग, यूनिसेफ एवं पीसीसीआरसीएस के संयुक्त तत्वावधान में चलाये जा रहे अभियान के शुभारम्भ समारोह के अवसर पर जिला प्रमुख सुशील कंवर पलाड़ा ने अपने विचार अभियान दल एवं राजीव गांधी युवा मित्रों के साथ साझा किया। अपने निवास से अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी विजय सिंह चौहान के साथ हरी झंडी दिखाकर विधिवत शुरूवात की। अभियान रथ किशनगढ़ पंचायत समिति अंतर्गत ग्राम पंचायतों में भ्रमण के लिए रवाना हुआ ।
अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने बताया कि विकास अधिकारी, सरपंच, ग्राम विकास अधिकारी एवं राजीव गांधी युवा मित्रों के सामुहिक प्रयास से किशनगढ पंचायत समिति की 17 से अधिक ग्राम पंचायतों में यह रथ भ्रमण कर पंचायतों में बच्चों की सहभागिता, टीकाकरण, जन्म पंजीकरण जैसे मुद्दों पर जागरूक करेगा। सहायक सांख्यकीय अधिकारी कृष्ण गोपाल सिंह शेखावत ने कहा कि निदेषक आर्थिक एवं सांख्यकीय के निर्देष के अनुसार हाल ही में चयनित किये गये राजीव गांधी युवा मित्र रथ के साथ गांव ढाणियों में जाकर सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के पात्र व्यक्तियों के आवेदन तैयार कराने में सहायता करेंगे। 33 जिलों मे यह अभियान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा बाल दिवस के अवसर पर राज्यस्तरीय समारोह में शुरूवात की गई थी। जिलें में रथ तीन दिन तक प्रवास पर रहेगा।
इस अवसर पर विकास अधिकारी सरवाड सुधीर पाठक, जिला प्रमुख नीजि सचिव करण सिंह, अभियान समन्वयक मुकेश गुर्जर, बंधन के रोहित पारीक, ज्योति पारीक खुशीराम, गोवर्धन मीणा और राजीव गांधी युवा मित्र उपस्थित थे।
किशनगढ की गांव ढ़ाणियों में जागरूकता रथ का भ्रमण
अभियान अन्तर्गत अजमेर जिले की किशनगढ पंचायत समिति के 17 ग्राम पंचायतों में रथ का भ्रमण कार्यक्रम अन्तर्गत अमरपुरा पहुंचा जहा सरपंच नन्दू देवी ने अभियान दल का स्वागत किया। समन्वयक मुकेश गुर्जर ने बताया कि जन्म पंजीकरण, संपूर्ण टीकाकरण और ग्राम पंचायतों की बैठक में बच्चों की सहभागिता पर चर्चा कर आमजन को जागरूककता का संदेष दिया। करकेडी, सलेमाबाद, पिंगलोद एवं कुचिल में कई कार्यक्रम आयोजित किये गये।
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