अजमेर AJMER MUSKAN) । कथावाचक लक्ष्मण शरण महाराज ने कहा कि मानव को संयमित एवं अनुशासित जीवन जीना चाहिए और धर्म का पालन करना चाहिए। हिंसा नहीं करनी चाहिए हिंसा करने पर कर्मफल भी भोगना पड़ता है अर्थात हम यह कह सकते हैं कि गीता का मुख्य उद्देश्य कर्मयोग है जो जैसा कर्म करता है वैसा ही फल पाता।
श्री श्री 1008 श्री हरिदास महाराज के परम शिष्य लक्ष्मण शरण महाराज गोवर्धन धाम वाले के श्री मुख से आस्था वूमेन डेवलपमेंट एंड चाइल्ड फाउंडेशन के सहयोग से कोटडा स्थिति बाबा रामदेव मंदिर पर आयोजित आज पाचवें दिन संगीतमय श्रीमद् भगवत गीता की प्रस्तुति की जा रही है।
व्यासपीठ से लक्ष्मण महाराज ने कहा कि छोटे बच्चे जो कुछ भी सीखते हैं उसे वह हमेशा याद रखते हैं। बच्चों का बचपन उनके भविष्य की नींव होती है। ऐसे में बच्चों को कम उम्र में माता-पिता को बच्चों को अच्छी बाते सीखानी चाहिए। जिससे उनकी जिदंगी बेहतर बनें। अगर आप अपने बच्चे को ज्ञान देना चाहती है तो श्रीमद भागवत गीता के अनमोल वचन अपने बच्चों को जरूर सुनाए या फिर उन्हें पढ़ाएं। भागवत गीता के ये वचन न केवल बड़े लोगों बल्कि आपके बच्चे का सही मार्गदर्शन करेंगी। इस लेख में हम आपको भगवत गीता के उन वचन के बारे में बताएंगे जिसे आपको अपने बच्चों के जरूर बतानी वा पढ़ानी चाहिए।
आयोजन समिति के सदस्य मोनिका डीडवानिया ने बताया कि आज कंस वध रुक्मणी विवाह महारास लीला का मंचन किया गया। कल मंगलवार को सुदामा चरित्र व्यास पुजा एवं शुकदेव की विदाई का मंचन किया जाएगा।
व्यास पीठ पर आज महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति अजमेर के संयोजक एवं पूर्व विधायक डॉ श्रीगोपाल बाहेती, जवाहर फाउंडेशन के प्रभारी शिव कुमार बंसल, पार्षद हेमंत जोधा, मुनव्वर खान कायमखानी, पूर्व पार्षद कमल बेरवा आदि माल्यार्पण कर दुपट्टा पहनाकर अभिनंदन किया।
इस अवसर पर आयोजन समिति के अध्यक्ष सोहन सिंह रावत, इंदर सिंह, नारायण माथुर, योगेश पंडित आदि का सहयोग रहा।
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