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कार्यक्षेत्र में संयम सबसे आवश्यक है : मुनि संबुद्ध सागर

कार्यक्षेत्र में संयम सबसे आवश्यक है : मुनि संबुद्ध सागर

अजमेर (AJMER MUSKAN)।
संयमी जीव जग का वरदान होता है। संयम से यह मानव भगवान बन जाता है यह बात मुनि संबुद्ध सागर महाराज ने पंचायत छोटा धड़ा नसियां  आयोजित धर्मसभा में प्रवचन देते हुए कही मुनि श्री ने कहा लोग संयम का महत्व तो अच्छी तरह समझते हैं, लेकिन उसका यथोचित उपयोग नहीं कर पाते, संयम का यथा समय प्रयोग अत्यंत फलदायी सिद्ध होता है, लेकिन उचित यही है कि इसका अनुशीलन सदैव होता रहे,जीवन में संयम से बहुत उपलब्धियां संभव होती है, मनुष्य का पहला कर्तव्य है संयम धारण करना, इसके बिना सभी कर्म अधूरे ही रह जाएंगे, कार्यक्षेत्र में संयम सबसे आवश्यक है।

संगीतमय अरनाथ भगवान विधान पूजन मे मांडले पर कलश स्थापना एवं अर्घ समर्पित

पदम चन्द सोगानी ने श्री दिगम्बर जैन मुनि संघ सेवा समिति के तत्वाधान मे एंव द्वय मुनिराज श्री के सानिध्य में चल रहे 24 दिवसीय प्रभु आराधना महोत्सव के पावन अवसर पर सोमवार को तीर्थंकर अरनाथ भगवान विधान पूजन मे मोहनी देवी मातुश्री सुनिल गंगवाल, कमल गंगवाल, पंकज गंगवाल परिवार ने मांडले पर मंगल कलश स्थापन कर पूजा के सुसज्जित अर्घ समर्पित किये। 

इस अवसर पर समिति अध्यक्ष सुशील बाकलीवाल, महेश गंगवाल, सोरभ गंगवाल, देवर्श गंगवाल, भविक गंगवाल, कोमल लुहाडिया, विनय पाटनी, नरेन्द्र गोधा, नितिन दोसी, नीरज पाटनी, मुकेश पाण्डया, लोकेश ढिलवारी आदि मौजूद थे।

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