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रमेश बोराणा ने ली बैठक, पुष्कर मेला तथा उर्स आयोजन के सम्बन्ध में दिए निर्देश




अजमेर (AJMER MUSKAN)
राजस्थान राज्य मेला प्राधिकरण के उपाध्यक्ष (राज्य मंत्री) रमेश बोराणा ने गुरूवार को कलेक्ट्रेट सभागार में पुष्कर मेला तथा उर्स आयोजन के सम्बन्ध में बैठक ली। जिला कलेक्टर अंश दीप एवं पुलिस अधीक्षक चूनाराम जाट ने जिला प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्थाओं से अवगत कराया।

उपाध्यक्ष रमेश बोराना ने कहा कि मेले हमारी सांस्कृतिक विरासत है। ये हमारी संस्कृति के अभिन्न अंग है। मेले एवं उत्सव हमारे जीवन में उमंग का संचार कर जीवन को सुगम बनाते है। राजस्थान में परम्परागत मेले वर्षपर्यन्त आयोजित होते है। मेले आयोजनों के प्रति सरकार गंभीर है। मेलों में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सरकार समस्त सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए संकल्पबद्ध है। मेलों में सरकार के साथ-साथ स्थानीय कमेटीयों, ट्रस्टों एवं गैर सरकारी संगठनों द्वारा भी व्यवस्थाएं की जाती है।

उन्होंने कहा कि कोरोनाकाल के पश्चात सार्वजनिक स्थानों पर सामान्य से अधिक व्यक्तियों के आने का सिलसिला आरंभ हुआ है। सरकार द्वारा इसके अनुपात में ही समस्त व्यवस्थाएं अतिरिक्त करने का निर्णय लिया गया है। मेलों के दौरान किसी प्रकार की दुर्घटना की आशंका को रोकने के लिए समस्त स्तरों के साथ समन्वय स्थापित किया जाना चाहिए। इनकी पुनर्रावृत्ति रोकने के लिए प्रशासन एवं संस्थाए कृत संकल्प है।

उन्होंने कहा कि पुष्कर मेला अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की पहचान रखता है। इसमें लाखों श्रद्धालु एवं पर्यटक आते है। मेले में उम्दा व्यवस्थाएं की जाएगी। समस्त विभागों को अपने दायित्वों का निर्वहन संवेदनशीलता के साथ करना चाहिए। सरकार द्वारा जनकल्याणकारी योजनाओं की प्रदर्शनी भी लगाई जा रही है। इस प्रकार मेले विभिन्न फ्लेगशिप योजनाओं को आमजन तक पहुंचाने का साधन बन रहे है। मेले के दौरान आयोजित होने वाली गतिविधियों के बारे में चर्चा की गई। परम्परागत आयोजनों के साथ-साथ नवाचार को भी स्थान देने की बात कही। पुष्कर मेला 2022 में नेचर वॉक, मेक ए विश एवं पतंग उत्सव के आयोजन की सराहना हुई। पूर्व में पुष्कर मेला क्षेत्र के किए गए व्यापक निरीक्षण के दौरान विभिन्न व्यवस्थाओं पर विचार विमर्श किया।

उन्होंने कहा कि पशु ग्रामीण अर्थव्यवस्था का आधार है। सरकार पशुओं के संवर्धन एवं विपणन के प्रति गंभीर है। इसी कारण कोरानाकाल में भी धार्मिक मेले का आयोजन नहीं होने की स्थिति में भी पशु मेले की अनुमति दी गई थी। वर्तमान में लम्पी स्किन डिजीज के साथ-साथ अश्व वंश में भी बिमारी सामने आई है। पशुओं को संक्रमण से बचाने के लिए सरकार को पशु मेला आयोजन को स्थगित करने का निर्णय लेना पड़ा। ऎसा व्यापक जनहित को देखते हुए किया गया।

बोरणा ने दरगाह क्षेत्र का भी अवलोकन किया। उर्स के दौरान की जाने वाली व्यवस्थाओं की जानकारी ली। आगामी उर्स की व्यवस्थाओं को चाक चौबंद करने के निर्देश दिए। कायड़ विश्राम स्थली में उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधाओं के सम्बन्ध में विचार विमर्श किया। दरगाह कमेटी द्वारा उर्स के दौरान मोबाईल नम्बर से ट्रेकिंग सिस्टम एप का उपयोग किए जाने की जानकारी ली।

आध्यात्मिक पद यात्रा के निमंत्रण पत्र का किया विमोचन

श्री पुष्कर मेला 2022 के दौरान आयोजित होने वाली आध्यात्मिक पद यात्रा के निमंत्रण पत्र का विमोचन किया गया। आध्यात्मिक पद यात्रा, दीपदान, महाआरती एवं भजन संध्या का आयोजन कार्तिक शुक्ल एकादशी शुक्रवार 4 नवम्बर को किया जाएगा। आध्यात्मिक पद यात्रा प्रातः 8 बजे गुरूद्वारा से आरंभ होगी। यह पद यात्रा बडी पुलिया, परिक्रमा मार्ग, ब्रह्म चौक होते हुए ब्रह्मा मंदिर, कपालेश्वर मोड होकर मेला ग्राउण्ड तक होगी। दीपदान, महाआरती एवं भजन संध्या पवित्र सरोवर पर सायं 6 बजे से आयोजित होगी।

इस अवसर पर अतिरिक्त जिला कलेक्टर कैलाश चन्द्र शर्मा, उपखण्ड अधिकारी पुष्कर श्री सुखाराम पिण्डेल, पुष्कर नगर पालिका के ईओ बनवारी लाल मीना, पर्यटन विभाग के संयुक्त निदेशक संजय जौहरी एवं प्रद्युम्न सिंह, पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ. प्रफुल्ल माथुर, देवस्थान विभाग के सहायक आयुक्त श्री गौरव सोनी, दरगाह कमेटी के सहायक नाजिम डॉ. मोहम्मद आदिल सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

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