अजमेर (AJMER MUSKAN)। लंबे अरसे बाद इस बार दिवाली और गोवर्धन पूजा के साथ सूर्य ग्रहण का संयोग बना। ऐसे में दिवाली के दूसरे दिन मनाया जाने वाला पर्व गोवर्धन पूजा मंगलवार की बजाए बुधवार की गई। मंगलवार को सूर्यग्रहण का सूतककाल लगने के कारण घरों के साथ ही मंदिरों में पूजा-पाठ वर्जित रही। धार्मिक मान्यता के अनुसार सूतक काल के दौरान कोई भी शुभ कार्य और पूजा-पाठ नहीं किया जाता है। इस कारण गोवर्धन पूजा मंगलवार 25 अक्टूबर के बजाए बुधवार 26 अक्टूबर को की गई।
गोवर्धन पूजा भगवान कृष्ण के अवतार के बाद द्वापर युग से प्रारम्भ हुई है। बुधवार घर के आंगन में गाय के गोबर से गोवर्धन नाथ जी की अल्पना बनाकर उनका पूजन किया गया। उसके बाद गिरिराज भगवान को प्रसन्न करने के लिए उन्हें अन्नकूट का भोग लगाया गया। मंदिरों में अन्नकूट का प्रसाद बांटा गया।
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