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गंभीर अस्थमा रोगियों के लिए बायोलोजिक्स नई आशा की किरण : डॉ दाधीच

गंभीर अस्थमा रोगियों के लिए बायोलोजिक्स नई आशा की किरण : डॉ दाधीच

मित्तल हॉस्पिटल में गंभीर अस्थमा रोगियों पर संगोष्ठी सम्पन्न

अजमेर (AJMER MUSKAN)। इन्हेलर्स के उचित व नियमित इस्तेमाल के बाद भी अगर अस्थमा नियंत्रित नहीं है तो ऐसे रोगियों के लिए अब नई आशा की किरण है बायोलोजिक्स।

गंभीर अस्थमा रोगियों के लिए बायोलोजिक्स नई आशा की किरण : डॉ दाधीच

मित्तल हॉस्पिटल के पल्मोनोलॉजिस्ट एंड स्लीप स्पेशियलिस्ट डॉ प्रमोद दाधीच ने बताया कि जिन अस्थमा रोगियों में ऐलर्जी की वजह से इयोसिनोफ़िल बढ़ जाते हैं व सूजन बढ़ाने वाले मीडिएटर्स बड़े होते हैं जिसके कारण सांस की नली में अत्यधिक सूजन आती है व बार.बार अस्थमा अटैक होता है, इन दोनों को रोकने व रोगी को स्वस्थ रखने में बायोलोजिक्स बेहद कारगर इलाज है ।

डॉ प्रमोद दाधीच गंभीर अस्थमा के आधुनिक इलाजों पर शनिवार शाम मित्तल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के सभागार में आयोजित संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में बोल रहे थे। लंग केयर सोसायटी के को-फाउण्डर एंड सीईओ डॉ दीपक यदुवंशी ने  कहा कि  विश्वभर में किए गए शोध में पाया है कि जो रोगी बायोलोजिक्स का इस्तेमाल करते है उनका अस्थमा नियंत्रित रहता है व स्टेरॉइड्स का इस्तेमाल नही करना पड़ता या फिर बहुत कम मात्रा में करने की नौबत आती है।

संगोष्ठी के चेयरपर्सन जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट एवं सीनियर प्रोफेसर श्वसन रोग डॉ नीरज गुप्ता ने कहा कि गंभीर अस्थमा रोगियों को सही समय पर श्वास रोग विशेषज्ञ से परामर्श लेकर उचित व नई औषधियों से इलाज लेना चाहिए । जवाहरलाल नेहरू आयुर्विज्ञान महाविद्यालय एवं चिकित्सालय के सेवानिवृत सीनियर प्रोफेसर एवं हेड श्ववसन रोग विभाग एवं अतिरिक्त प्राचार्य डॉ राकेश गुप्ता ने संगोष्ठी के आयोजन के लिए बधाई दी।

गंभीर अस्थमा रोगियों के लिए बायोलोजिक्स नई आशा की किरण : डॉ दाधीच

इससे पहले मित्तल हॉस्पिटल के निदेशक डॉ दिलीप मित्तल ने अतिथियों को स्मृति चिंह प्रदान कर अभिनन्दन किया। मित्तल हॉस्पिटल के अतिरिक्त मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ दीपक अग्रवाल ने प्रारंभ में सभी का स्वागत किया और आभार व्यक्त किया। संगोष्ठी में अजमेर के अनेक चिकित्सकों ने हिस्सा लिया।

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