अजमेर (AJMER MUSKAN)। विश्व विख्यात ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह जाने वाले दिल्ली गेट धानमंडी, पीर मिठा गली में ट्रैफिक समस्या सबसे विकराल बन चुकी है। हैरानी की बात तो यह है कि ट्रैफिक समस्या का हल करने के केवल दावे होते है और सच्चाई यह है कि समस्या की तरफ किसी का ध्यान ही नहीं जाता।
धानमंडी देहली गेट व्यापार संघ के अध्यक्ष तुलसी लालवानी ने बताया कि हालात यह बने हुए है कि गंज से लेकर धानमंडी तक बिना जाम में फंसे आप गुजर ही नहीं सकते। ऐसी ही गली है पीर मिठा गली जिसकी चौड़ाई लगभग 10 से 12 फिट है इस गली के सबसे बुरे हालत हैं। प्रशासन के आदेशानुसार इस गली को वनवे बना दिया गया है। यानी एकतरफा यातायात पर दिन में कई बार दोनों तरफ से वाहन बाजार में दाखिल होते हुए आम तौर पर देखने के लिए मिलेंगे। इन वाहन चालकों से न कोई पूछने वाला है, न कोई समस्या का हल करने वाला। ट्रैफिक पुलिस व प्रशासन के अधिकारी ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के दावे करते नहीं थकते। मगर, सभी दावों के उलट में दिन प्रतिदिन ट्रैफिक व्यवस्था चरमराती जा रही है या यूं कहें कि ट्रैफिक व्यवस्था रामभरोसे है।
महासचिव भगवान झमनानी ने बताया कि ट्रैफिक पुलिस से बेखौफ सवारी वाहन यातायात नियमों की सरेआम धज्जियां उड़ाते देखे जा सकते हैं। क्षमता से अधिक सवारियां बिठाने व तेज गति से वाहन दौड़ाने वाले इन चालकों को न तो हादसों का अंदेशा है और न ही यातायात नियमों का डर। नियमों को ताक पर रखकर यह वाहन चालक अपने वाहनों में क्षमता से अधिक सवारियां बिठाते हैं तथा वाहनों को सरपट दौड़ाते हैं जिससे हर समय दुर्घटनाएं होने का डर बना रहता है। इतना ही नहीं भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में तेज गति से वाहनों को दौड़ाने से हादसों को निमंत्रण देते हैं। वाहन चालक सरेआम बीच सड़क पर सवारियां भरते हैं, लेकिन ट्रेफिक पुलिस इन पर नकेल नहीं लगा पा रही है।
मीडिया प्रभारी हरीश राजानी बताया कि वाहन चालक अधिक सवारियां बिठाने के चक्कर में अपने वाहनों को उनकी दुकानों के आगे खड़ा कर देते है तथा वाहनों को हटाने के लिए कहा जाता है तो वह लड़ाई-झगड़े को तैयार हो जाते हैं। छोटे-मोटे लड़ाई झगड़े किसी दिन बड़े विवाद का कारण बन सकते हैं।
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