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संसार की मित्रता श्रीकृष्ण एंव सुदामा जैसी होनी चाहिये : गीता ज्योति

संसार की मित्रता श्रीकृष्ण एंव सुदामा जैसी होनी चाहिये : गीता ज्योति

श्री दशनाम आश्रम में श्री वेदान्त प्रचार मण्डल द्वारा वेदान्त पर आधारित सत्संग प्रवचन 

अजमेर (AJMER MUSKAN)। पुष्कर के श्रीदशनाम सन्यास आश्रम में श्री अखिल भारतीय वेदान्त प्रचार मण्डल की संत एवं माता ज्ञान ज्योति उदासीन आश्रम की संत साध्वी माता गीता ज्योति ने वेदान्त पर और श्रीमद्भागवत गीता पर आधारित अपने सत्संग प्रवचनो के अन्तर्गत श्रीकृष्ण एवं सुदामा की मित्रता का वण्रन करते हुए बताया कि संसार में मित्रता श्री कृष्ण और सुदामा जैसी होनी चाहिये। माता गीता ज्योति ने कहा कि श्री कृष्ण ने अपने मित्र के गरीबी के हाल को नही देखते हुए उसे  सिंहासन पर बैठाकर सुदामा के चरणो को दो धोया और किसी प्रकार का अंहकार नही दर्शाया। हमें भी चाहिये कि हम इस प्रकार की मित्रता को कायम करे।हमें हमेशा ही अपने चित्त को परमात्मा में निरन्तर लगाकर ही जीवन यापन करना चाहिये।

श्री अखिल भारतीय वेदान्त प्रचार मण्डल के मुख्य प्रचारक रमेश लालवानी ने बताया कि माता गीता ज्योति के द्वारा श्रीमद्भागवत गीता के श्लोको का उच्चारण करके श्रद्धालुओं भक्तगणो को भी दोहरा दोहरा कर कंठस्थ करवाया। इस अवसर पर सत्संग की महिमा बताते हुए माता गीता ज्योति ने कहा कि सत्संग को हमेशा एक चित शान्त व सफेद वस्त्र पहनकर सत्संग में जाने के लिए कहा चमकदार तडकीले भडकीले वस्त्रो को पहनकर सत्संग में नही जाने की सीख दी।वेदान्त प्रचार मण्डल के हरि प्रसाद शर्मा और रमेश लालवानी ने बताया कि पुष्कर में श्री दशनाम सन्यास आश्रम में प्रतिदिन माता ज्ञान ज्योति उदासीन आश्रम की संत साध्वी माता गीता ज्योति के वेदान्त पर आधारित और श्रीमद्भागवत गीता पर आधारित सत्संग प्रवचन दोपहर चार बजे से 5.30 बजे तक आयोजित किये जा रहे है। ज्योति मोरवानी, जयश्री, निशा आदि ने पूजन आरती पूजन,पल्लव प्रार्थना,प्रसाद वितरण एवं आरती में सम्मलित होकर लाभ  लेने के पश्चात सत्संग प्रवचनो के कार्यक्रम का समापन किया गया।  

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