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सप्त दिवसीय श्रीभगवत कथा ज्ञानयज्ञ

मन मे विश्वास हो तो हर काम सफल होते है, सप्त दिवसीय श्रीभगवत कथा ज्ञानयज्ञ

अजमेर (AJMER MUSKAN)।
तोपदड़ा स्थित गढ़वाल पैलेस में चल रही सप्तदिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन नंदोत्सव मनाया गया । श्रोताओं को संबोधित करते हुए संत उत्तमराम शास्त्री ने कपिल अवतार ध्रुव चरित्र सृष्टि की रचना पर प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा कि मनुष्य जीवन आदमी को बार-बार नहीं मिलता है। कलयुग में दया धर्म भगवान के स्मरण नैया पार करता है। भगवान की भक्ति में अधिक समय देना चाहिए। भगवान विष्णु ने पांचवां अवतार कपिल मुनि के रुप में लिया। उन्होंने बताया कि किसी भी काम को करने के लिए मन में विश्वास होना चाहिए तो कभी भी जीवन में असफल नहीं होंगे। भक्ति में दिखावा नहीं होना चाहिए। शिव के कैलाश पर्वत जाने व भगवान शिव तपस्या, शिव का विवाह पार्वती आदि प्रसंग सुनाए। कथा स्थल पर भगवान शिव और माता पार्वती के पात्रों का विवाह कराया गया। 

इस मौके पर विजयवर्गीय महिला मंडल की प्रदेश अध्यक्ष आभा गांधी, राजेन्द्र गांधी , शहर अध्यक्ष रामचंद्र बिजावत, शारदा विजयवर्गीय, जगदीश विजयवर्गीय, अनुराधा विजयवर्गीय ने महाराज का अभिनंदन किया। पांचवे दिन गुरुवार को 56 भोग की झांकी सजाई जाएगी । कार्यक्रम का संचालन बसंत भट्ट ने किया । दिलीप गढ़वाल, किरण गढ़वाल, पवन, अशोक मारोठिया ने सेवाएं दी।

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