अजमेर (AJMER MUSKAN) । राजस्थानी संस्कृति में मांडना को श्री एवं समृद्धि का प्रतीक माना जाता है यह माना जाता है कि जिस घर में इनका सुंदर अंकन होता है उस घर में लक्ष्मी जी का निवास रहता है। यह उद्गार लोक कला संस्थान द्वारा पंचशील में एक दिवसीय मांडना कार्यशाला एवं प्रतियोगिता के उद्घाटन अवसर पर महेंद्र सिंह चौहान द्वारा व्यक्त किए गए।
कार्यक्रम संयोजक संजय सेठी ने बताया कि इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य आने वाले नवरात्रि एवं दीपावली त्योहार के अवसर पर अधिक से अधिक पारंपरिक मांडना का चित्रांकन घरों पर बालिकाओं एवं महिलाओं द्वारा किया जाए। कार्यशाला में पचास प्रतिभागियों ने भाग लिया। इस अवसर पर मांडना प्रतियोगिता आयोजित की गई जिसमें प्रथम वर्ग में अक्षरा महेश्वरी, भूमिका टीलवानी, निधि जोशी द्वितीय वर्ग में देवांश जोशी, लावण्या तोमर, खुशबू श्यामनानी ने प्रथम द्वितीय तृतीय स्थान प्राप्त किया। सांत्वना पुरस्कार दिविशा स्वामी व विदुषी कीमोयि ने प्राप्त किया । प्रतियोगिता के निर्णायक प्रजेस्ट नागोरा एवं मनोज प्रजापत थे । कार्यक्रम के दौरान इन दोनों कलाकारों ने 10 फुट के विशाल गणेश मांडने का चित्रांकन प्रतिभागियों के सामने दीवार पर पारंपरिक तरीके से किया । कार्यक्रम के अंत में विजेताओं को पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र वितरित किए गए l
कार्यक्रम में चंद्रवीर सिंह, कृष्ण मोहन रंगा, सुरेश रंगा, विमल राजोरिया, अनिल महेश्वरी व पदमजा रंगा का विशेष सहयोग रहा । लोक कला संस्थान द्वारा इस अवसर पर घोषणा की गई आने वाले दिनों में कोई भी विद्यालय महाविद्यालय द्वारा मांडना कार्यशाला आयोजित की जाएगी तो संस्थान निशुल्क आयोजित करेगा।
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