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पारदर्शिता की ओर निगम का एक और कदम एक अक्टूबर से ई-वीसीआर एप से भरी जाएगी बिजली चोरी की वीसीआर

पारदर्शिता की ओर निगम का एक और कदम एक अक्टूबर से ई-वीसीआर एप से भरी जाएगी बिजली चोरी की वीसीआर

सभी बची हुई प्रिंटेड वीसीआर शीट को संबंधित सर्किल कार्यालय में जमा कराने के निर्देश

कार्मिकों की बढ़ेगी जवाबदेही, उपभोक्ताओं को मिलेगी राहत

अजमेर (AJMER MUSKAN)। अजमेर विद्युत वितरण निगम ने बिजली चोरी, जुर्माना राशि और प्रकरणों के समयबद्ध निस्तारण की दिशा में एक महत्वपूर्ण शुरूआत की है। निगम प्रकरणों के निस्तारण में पारदर्शिता के लिए निगम के अधिकारी एक अक्टूबर से अब केवल ई-वीसीआर एप के माध्यम से ही बिजली चोरी मामलों की वीसीआर भर सकेंगे। इससे जहां वीसीआर से छेड़छाड़ बिल्कुल बंद हो जाएगी। वहीं उपभोक्ताओं को भी राहत मिलेगी। इसके साथ ही बची हुई सभी प्रिंटेड वीसीआर शीट को संबंधित सर्किल कार्यालय में जमा कराने के निर्देश दिए है।

प्रबन्ध निदेशक एन. एस. निर्वाण ने बताया की उपभोक्ता के विद्युत कनेक्शनों की सतर्कता जांच के दौरान उच्च स्तरीय पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से मोबाईल एप ई-वीसीआर बनाया गया है। इस एप में सभी फील्ड अधिकारियों के लॉगिन आईडी एवं पासवर्ड जनरेट कर उन्हें दे दिए गए है। अभी तक 3600 वीसीआर को इस एप के माध्यम से सफलतापूर्वक भरा जा चुका है। प्रबंध निदेशक ने सभी फील्ड अधिकारियों को जल्द से जल्द उनके पास बची हुई प्रिंटेड वीसीआर शीट को संबंधित सर्किल कार्यालय में जमा कराने के निर्देश दिए है। 7 अक्टूबर के बाद अगर किसी के पास भी प्रिंटेड वीसीआर पायी जाती है तो उसके विरुद्ध निगम नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही अमल में लायी जाएगी।

बिजली उपयोगकर्ता द्वारा विद्युत चोरी या मीटर में छेडछाड करने पर जो केस बनाया जाता है, उसमें घटना स्थल की लोकेशन एवं समय डिजिटल वीसीआर शीट में दर्ज हो जाता है। शीट भरने के बाद कांटा-छांटी या ओवर राईटिंग या तदउपरान्त बदलाव करना संभव नही है। यह डिजिटल वीसीआर सबमिट बटन दबाते ही सब डिवीजन के कम्प्यूटर पर परिलक्षित हो जाती है।

उन्होंने बताया कि इस डिजीटल वीसीआर की प्रक्रिया को सरल एवं सम्पूर्ण बनाया गया है। वीसीआर शीट भरने के बाद पेनल्टी का आंकलन, नोटिस एवं आवश्यकता पडने पर एफआईआर दर्ज करने के कागजात भी इसी एप से तैयार किए जाएंगे। सतर्कता जांच से संबंधित हर प्रकार की मासिक अथवा साप्ताहिक सूचना इस एप के डेशबोर्ड पर स्वतः अपडेट होती रहती है जो वृत स्तर, जोन स्तर एवं डिस्कॉम स्तर पर सीधे ही देख सकते हैं।

प्रबन्ध निदेशक ने बताया कि इस एप की एक खासियत यह भी है कि जिस सब डिविजन में वीसीआर शीट भरी जाती है वहां के उपभोक्ताओ के मास्टर डाटा मोबाईल में डाउनलोड हो जाते है। यदि घटना स्थल पर इन्टरनेट सुविधा नही मिले तो भी ऑफलाईन डाटा के आधार पर वीसीआर शीट पूरी भरी जा सकती है। इस एप को बनाने के पीछे राजस्थान सरकार एवं निगम की मंशा यही है कि विद्युत चोरी करने वाले उपभोक्ता की वीसीआर भरने में पारदर्शिता साफ साफ नजर आये।

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