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राजा का अहंकार समाप्त करने के लिए भगवान विष्णु ने लिया वामन अवतार : गीता ज्योति

राजा का अहंकार समाप्त करने के लिए भगवान विष्णु ने लिया वामन अवतार : गीता ज्योति

श्री दशनाम आश्रम में श्री वेदान्त प्रचार मण्डल द्वारा वेदान्त पर आधारित सत्संग प्रवचन

अजमेर (AJMER MUSKAN)। भगवान विष्णु के दशावतार में से पांचवे अवतार के रूप में वामन अवतार लिया वामन देवता ने प्रहलाद के पौत्र राजा बलि के धमण्ड को समाप्त करने के लिए वामन अवतार लिया और तीन कदम में राजा बलि से समस्त तन-मन और धन मांग लिया। इससे राजा बलि का अहंकार समाप्त हो गया। उपरोक्त प्रवचन पुष्कर के श्रीदशनाम सन्यास आश्रम में अखिल भारतीय वेदान्त प्रचार मण्डल की सन्त एवं माता ज्ञान ज्योति उदासीन आश्रम की सन्त साध्वी माता गीता ज्योति ने वेदान्त पर और श्रीमद्वभागवद्वगीता पर आधारित अपने सत्संग प्रवचनो के अन्तर्गत कहा कही।

श्री अखिल भारतीय वेदान्त प्रचार मण्डल के मुख्य प्रचारक रमेश लालवानी ने बताया कि हम सबको श्रीमद्भागवत गीता के सार को समझकर ही अपना जीवन कर्म किये जा फल की इच्छा मत कर हे इंसाल जैसा कर्म करेगा वैसा फल देगा भगवान के अनुसार जीवन यापन करना चाहिये। माता गीता ज्योति ने सन्तो महापुरूषो के जीवन से प्रेरणा लेकर अपने जीवन को भी उसी अनुसार ढालने की बात कही। वेदान्त प्रचार मण्डल के हरि प्रकाश शर्मा और रमेश लालवानी ने बताया कि पुष्कर में श्री दशनाम सन्यास आश्रम में प्रतिदिन माता ज्ञान ज्योति उदासीन आश्रम की सन्त साध्वी माता गीता ज्योति के वेदान्त पर आधारित और श्रीमद्भागवत गीता पर आधारित सत्संग प्रवचन दोपहर चार बजे से 5:30 बजे तक आयोजित किये जा रहे है।आरती पूजन, पल्लव प्रार्थना, प्रसाद वितरण एवं आरती के पश्चात सत्संग प्रवचनो के कार्यक्रम का समापन किया गया।

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