निजी अस्पताल में निःशुल्क उपचार से बुजुर्ग मरीजों को आराम मिला
अजमेर (AJMER MUSKAN)। जिले के ग्राम भांवता के रहने वाले बुजुर्ग किसान 80 वर्षीय मदन सिंह एवं मसूदा तहसील के गांव रामपुरा के रहने वाले ऊमासिंह की विधवा रुकमा के लिए राजस्थान सरकार की चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना वास्तव में चिरंजीवी साबित हुई है। उम्रदराज मदन सिंह मूत्राशय म ट्यूमर तथा प्रौस्टेट बीमारी के कारण चार माह से पीड़ित थे। वहीं बुर्जुग रुकमा गुर्दे की गंभीर बीमारी से ग्रसित थी। दोनों ही मरीजों का मित्तल हॉस्पिटल एंड रिर्सच सटर, अजमेर में मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत निःशुल्क उपचार किया गया।
यूरोलॉजिस्ट डॉ. सन्तोष कुमार धाकड़ ने ऑपरेशन कर मदन सिंह के मूत्राशय से ट्यूमर निकाला वहीं रुकमा देवी के पूर्ण रूप से खराब हो चुके दाएं गुर्दे की सर्जरी कर उसे शरीर से हटा दिया गया। यूरोलॉजिस्ट डॉ. सन्तोष कुमार धाकड़ के अनुसार मदन सिंह का मूत्र मार्ग बाधित था। उन्हें मूत्र में खून आने की शिकायत रहा करती थी। मदन सिंह के परिजनों ने उनकी तकलीफ बढने पर जांच कराई जिसमें उनके मूत्राशय में ट्यूमर होने व प्रौस्टेट बड़े होने का पता चला। इसकी सर्जरी प्लान की गई। बुजुर्ग को अब अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। वे अब आराम महसूस कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि इसी तरह रुकमा देवी गुर्दे में बार-बार मवाद पड़ने से पीड़ित थी। परिवारजन मरीज रुकमा को उनके पास लेकर आए। जांच में पाया गया कि मरीज के मर्ज का स्थाई समाधान पूरी तरह खराब हो चुके एक गुर्दें को शरीर से निकालना ही है। इससे मरीज को आगे का जीवन बेहतर तरीके से जीने को मिल सकेगा। परिवारजनों को मरीज के रोग और उसकी गंभीरता तथा रोग के कारण निकट भविष्य में उसके शरीर के अन्य अंगों पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में ठीक से काउंसलिंग की गई। परिवारजनों की रजामंदी पर रोगी का ऑपरेशन प्लान किया गया।
उन्होंने बताया कि दोनों ही बुर्जुगों को मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के अंर्तगत अजमेर के ही निजी चिकित्सालय में निःशुल्क उपचार मिलने से वे आगे के जीवन को बेहतर जी सकेंगे। मदनसिंह के भतीजे रतन सिंह और रुकमा के बेटे फतेह सिंह ने चिंरजीवी योजना में बिना कोई धन खर्च हुए उत्तम उपचार मिलने पर राज्य सरकार को बहुत बहुत धन्यवाद दिया है। मरीजों के जो सर्जरी की गई है उस पर लगभग 50 से 60 हजार रुपए तक का खर्च आया है। दोनों ही मरीज गरीब किसान परिवारों के बुजुर्ग हैं। उनके पास बीमारी पर खर्च करने की कोई मजबूत आर्थिक स्थिति नहीं थी। ऎसे में राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी चिरंजीवी योजना ने उनके लिए आगे का जीवन बेहतर जीने की राह बना दी।
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