सिन्ध स्मृति दिवस पर ऑनलाइन राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन
अजमेर (AJMER MUSKAN)। स्वर्ग से सुन्दर है सिन्ध, देश के बंटवारे ने सिन्ध की मिट्टी की खुशबू व सिन्ध नदी का जल भुलाये नहीं भूलाया जा सकता। हमारे पूर्वज अपनी जमीन जायदाद यश कीर्ति सब कुछ सनातन धर्म की रक्षा के लिये अपनी मातृ भूमि का त्याग कर हिन्द के विभिन्न क्षेत्रों में जाकर बसे। सिन्ध से जुडाव के लिये प्रतिवर्ष तीर्थयात्रा शादाणी दरबार रायपुर छतीसगढ का दल जाता है इसका मुझे हर्ष है। ऐसे आर्शीवचन भारतीय सिन्धु सभा सिन्ध स्मृति दिवस के अवसर पर आयोजित नई पीढी जाने 1947 की त्रासदी विषय पर ऑनलाइन संगोष्ठी में डॉ.संत युधिष्ठरलाल ने कहे।
संगोष्ठी में सभा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष भगतराम छाबडा ने 1947 में जो परिस्थितियां हुई उन पर प्रकाश डालते हुये कहा कि हमें अपनी मातृभूमि छोड़ने का दुख कुशल नेतृत्व नहीं होने की वजह से जरूर है पर विश्वास है हम अपनी संस्कृति सभ्यता को बचाते हुये सिन्ध को हिन्द में मिलाने के लिये संकल्पबद्ध है।
साहित्यकार प्रो. मुरारीलाल नत्थाणी ने कहा कि नई पीढी को सिन्धी भाषा संस्कृति व साहित्य की जानकारी लेनी चाहिये उसी से ही हम अपने जडों से जुड पायेगें श्री नत्थाणी ने विभाजन के आंकड़ों पर भी विस्तृत जानकारी दी।
राजस्थान सिन्धी अकादमी के पूर्व अध्यक्ष मोहनलाल वाधवाणी ने कहा कि 14 अगस्त 1947 की वो काली रात जिसमें समाज बिखर गया परन्तु रूका नहीं उसने 1947 से आज तक कई कीर्तिमान व्यापार, सामाजिक, फिल्म उद्योग, चिकित्सा, अभियांत्रिकी जैसे क्षेत्रों पर पहुंचकर भारत का नाम पूरी दुनिया में पहुंचाने की महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
सिन्धी समाज महासमिति के अध्यक्ष कवंलप्रकाश किशनानी ने कहा कि मजहब के नाम पर हुआ था देश का बंटवारा, विभाजन ने करोडों का घर उजाडा, लाखों ने गवाई जान अपने सनातन धर्म की रक्षा के लिये, बटवारे का अब नई पीढी की यही संदेश फिर न बटेगा भारत देश।
राष्ट्रीय मंत्री महेन्द्र कुमार तीर्थाणी ने कहा कि युवा पीढी को सिन्ध के गौरवमयी इतिहास की पूर्ण जानकारी के लिये सभा की ओर से सिन्ध शोध स्थापना के साथ भारत सरकार सिन्धी विश्वविद्यालय खोलने के प्रयास हो रहे हैं। सिन्ध की जानकारी के लिये व कलाकारों से संस्कृति जुडाव के लिये दूरदर्शन पर चैनल भी प्रारम्भ हो।
सिन्ध स्मृति दिवस पर कल होगें कार्यक्रम
महानगर मंत्री महेश टेकचंदाणी ने बताया 14 अगस्त को सुबह 8 बजे सिन्धुपति महाराजा दाहरसेन स्मारक पर सिन्ध के मानचित्र पर राष्ट्र रक्षा सूत्र बांधकर संकल्प करेगें।
संगठन मंत्री मोहन कोटवाणी ने बताया कि 14 अगस्त सिन्ध स्मृति दिवस पर अलग अलग ईकाईयों की ओर से 6 संगोष्ठियों का आयोजन किया जा रहा है।
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