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3 साल की बच्ची पी गई टॉयलेट क्लीनर, जेएलएन हॉस्पिटल में डॉक्टरों ने बचाई जान

3 साल की बच्ची पी गई टॉयलेट क्लीनर, जेएलएन हॉस्पिटल में डॉक्टरों ने बचाई जान

अजमेर (AJMER MUSKAN)।
अजमेर के जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय में हाल ही में एक जटिल ऑपरेशन कर 3 साल की बच्ची की जान बचाई है। बच्ची ने खेलते-खेलते टॉयलेट क्लीनर पी लिया था। इससे उसके पेट का अंदरूनी हिस्सा जल गया। डॉक्टरों ने जटिल ऑपरेशन कर पेट को फिर से रीकंसट्रक्ट किया। अब बच्ची पुनः स्वस्थ हो रही है।

शिशु सर्जरी विभाग की डॉ. गरिमा अरोड़ा ने बताया कि हाल ही में जवाहर लाल नेहरू अस्पताल में ऎसा एक केस देखा गया। तीन साल की एक बच्ची ने स्नानघर में रखा टॉयलेट क्लिनर में से थोड़ासा खेल -खेल में पी लिया। इस वजह से बच्ची के माता पिता ने उसे भर्ती कराया। बच्ची को निरीक्षण में रखा गया। 24 घण्टे के अन्दर बच्ची का पेट फूलने लगा तथा सामान्य स्थिति में गिरावट आने लगी। शिशु सर्जरी विभाग की टीम को बच्ची के इमरजेंसी ऑपरेशन की जरूरत लगी तथा बच्ची को तुरंत ऑपरेशन के लिए लिया गया। ऑपरेशन के दौरान पाया गया कि बच्ची के पेट का आधे से ज्यादा हिस्सा जल चुका है। मुख्यतया पेट के पीछे का पूरा हिस्सा जल चुका था। पेट में इन्फेशन भी पूरी तरह से फैल गया था। शिशु सर्जरी टीम के अथक प्रयासों से बच्ची के पेट को दोबारा रिकन्स्ट्रक्ट किया गया।

उन्होने बताया कि रिकन्स्ट्रकशन समय भोजन निगलने वाली नली तथा भोजन पदार्थ को पेट में रोकने वाले अवयवों की लम्बवत धूरी का खास ध्यान रखा गया। ऑपरेशन में करीब 3-4 घण्टे का समय लगा। इस तरह के ऑपरेशन में खाना खिलाने के लिए एक अस्थायी रास्ता भी बनाना पड़ता है। जो कि इस मरीज में भी किया गया। बच्ची अब पूरी तरह से स्वस्थ है तथा सामान्य बच्चों की तरह मुंह से खाना खा रही है।

उन्होने बताया कि घर में लापरवाही से रखे एसिड, टॉयलेट क्लिनर, वाशिंग, पाउडर, फिनायल, इत्यादि बच्चों के लिए भयंकर परिणाम  प्रस्तुत कर सकते हैं। इस बच्ची ने भी बहुत कम मात्रा में टॉयलेट क्लिनर पिया था, परन्तु इससे बच्चे की जान पर आ बनी। जे.एल.एन. टीम के अथक प्रयासों से ही बच्चे को बचाया जा सका।

ऑपरेशन टीम में प्रभारी डॉ. गरिमा अरोरा के साथ डॉ. दिनेश कुमार, बारोलिया, डॉ. शुभम दिक्षित, निश्चेतना प्रभारी डॉ. वीना पटोदी, डॉ. वीना माथुर, डॉ. रिचा सिंह, नर्सिंग स्टाफ रमा शर्मा, प्रशांत फेडरिक आदि शामिल थे। ऑपरेशन के बाद की सम्पूर्ण देख रेख में शिशु सर्जरी के नर्सिंग प्रभारी राजेश दोसाया, रजनी चौहान और उनकी टीम का बखूबी योगदान रहा।

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