संवेदनशीलता एवं मानवीय पक्ष के साथ कार्य करने के दिए निर्देश
अजमेर (AJMER MUSKAN)। राजस्व मंत्री रामलाल जाट ने शुक्रवार को जिले के राजस्व सम्बन्धी कार्यों की समीक्षा बैठक ली। इसमें आमजन के कार्य संवदेनशीलता एवं मानवीयता के साथ कर काश्तकारों को लाभान्वित करने के निर्देश दिए। बंजर भूमि एवं चारागाह विकास बोर्ड अध्यक्ष संदीप सिंह चौधरी ने चारागाह विकास के बारे में चर्चा की। सेटलमेंट कमीशनर राजेन्द्र विजय ने भू-अभिलेखों के आधुनिकरण की रूपरेखा प्रस्तुत की।
राजस्व मंत्री रामलाल जाट ने अजमेर प्रवास के दौरान राजस्व सम्बन्धी कार्यों की समीक्षा बैठक ली। जिला कलेक्टर अंश दीप ने प्रशासन गांवों के संग अभियान की प्रगति से अवगत कराया। बैठक में राजस्व एवं काश्तकारी अधिनियमों के सम्बन्ध में विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। क्षेत्र में कार्य के दौरान आ रही बाधाओं के निराकरण के सम्बन्ध में सुझावों पर भी विचार विमर्श हुआ। जाट ने कहा कि राजस्व विभाग आमजन एवं काश्तकार से सीधा जुड़ा हुआ है। राजस्व अधिकारियों को संवेदनशीलता के साथ कार्य करना चाहिए। मानवीय पक्ष को केंद्र में रखकर निर्णय लेने से लोक कल्याण की भावना सुदृढ़ होगी।
उन्होंने कहा कि गैर खातेदारी से खातेदारी के प्रकरणों में सम्बन्धित तहसीलदार द्वारा भौतिक सत्यापन किया जाए। जिले में इस प्रकार के समस्त प्रकरणों की सीधी मॉनिटरिंग करके आगामी 60 दिनों में निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। नोन कमाण्ड क्षेत्र के पात्र व्यक्तियों के प्रकरण प्राथमिकता के साथ निस्तारित हो। कमाण्ड क्षेत्र वाले व्यक्तियों के प्रकरण निर्धारित प्रक्रिया से नोटिस जारी कर किए जाए। काश्तकारी भूमि के रास्ते के प्रकरणों में आपसी समझाईस एवं समझौते के माध्यम से वाद निस्तारण का प्रयास किए जाए। इस प्रकृति के अधिक मुकदमों वाले गांवों में जनसुनवाई करनी चाहिए। पैतृक कृषि भूमि के सहखातेदारों के मध्य भूमि विभाजन एवं लम्बित राजस्व मुकदमों में समझाईश एवं समझौते को तरजिह देनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि नवीन राजस्व ग्रामों के लिए प्रशासन गांवों के संग अभियान में प्रस्ताव प्राप्त हुए है। प्राप्त प्रस्तावों का परीक्षण करवाकर राज्य सरकार को भेजा जाए। नवीन ग्रामों के सीमांकन के समय चारागाह का बंटवारा आनुपातिक रूप से करने की प्रक्रिया अपनाई जाए। समस्त राजस्व ग्रामों में राजकीय कार्यालयों एवं संस्थाओं के लिए भूमि आरक्षित करने की प्रक्रिया अमल में लाई जाए। शमशान, कब्रिस्तान एवं समाधि स्थल के प्रकरणों को तत्काल प्रभाव से निपटारा करें।
उन्होंने कहा कि भू-अभिलेखों के डिजिटलीकरण का कार्य पुष्कर के पायलट प्रोजेक्ट के पश्चात पूरे जिले में लागू किया जाएगा। इसमें समस्त राजस्व अधिकारियों का सहयोग मिलना चाहिए। नए नक्शे एवं पर्चा नोटिस में ग्राम सभा के माध्यम से ग्रामीणों की सक्रिय भूमिका सुनिश्चित होनी चाहिए। जिला कलक्टर द्वारा डिजिटलीकरण के कार्य की समीक्षा राजस्व अधिकारियों की बैठक में की जाएगी। वर्ष 2015 से पूर्व के पी-14 के नाम दर्ज भूमि के प्रकरणों के नियमन की कार्य योजना बनाई जाए। सरकारी भूमि में निजी खातेदारों द्वारा सिंचाई के लिए खोदे गए कुंओं का नियमन करने के लिए निर्धारित राशि जमा करवाकर कार्यवाही की जाए।
बंजर भूमि एवं चारागाह विकास बोर्ड के अध्यक्ष संदीप सिंह चौधरी ने जिले में चारागाह विकास की योजनाओं की समीक्षा की। बंजर एवं चारागाह भूमि को अतिक्रमण मुक्त करने की कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। इस प्रकार की भूमियों में अवैध खनन रोकने के लिए विभिन्न विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर कार्यवाही करने के लिए कहा।
सेटलमेंट कमीशनर राजेन्द्र विजय ने भू-अभिलेखों के डिजीटलीकरण के बारे में अवगत कराया। भारत सरकार के डिजिटल इण्डिया भू-अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम के लिए अजमेर जिले की 4 तहसीलों पुष्कर, अजमेर, नसीराबाद एवं पीसांगन का चयन किया गया था। इनमें से पुष्कर को पायलट प्रोजेक्ट के लिए चुना गया। अब समस्त तहसीलों के भू-अभिलेखों का भी आधुनिकीकरण होगा। सेटेलाइट इमेज के आधार पर बनाए गए नए नक्शों का किश्तवार नक्शों के साथ अध्यारोपण कर नए नक्शे बनाए जा रहे है। नए नक्शों के सम्बन्ध में पर्चा नोटिस जारी कर खातेदारों से आपत्ति मांगी जाएगी। खातेदार के संतुष्ट होने पर ही ई-धरती पोर्टल पर चढ़ाया जाएगा। नक्शे एवं क्षेत्र की वस्तुस्थिति में अंतर आने पर त्रुटि का निस्तारण किया जाएगा।
बैठक में किशनगढ़ विधायक सुरेश टांक ने विधानसभा क्षेत्र की आवश्यकताओं से अवगत कराया। किशनगढ़ विधानसभा क्षेत्र में विभिन्न स्थानों से अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की राजस्व मंत्री श्री जाट द्वारा सराहना की गई।
इस अवसर पर अतिरिक्त जिला कलेक्टर कैलाश चन्द्र शर्मा, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हेमन्त स्वरूप माथुर, ब्यावर उपखण्ड अधिकारी राहुल जैन, अजमेर उपखण्ड अधिकारी महावीर सिंह एवं रूपनगढ़ उपखण्ड अधिकारी बी.एल. जनागल सहित समस्त उपखण्ड अधिकारी, तहसीलदार एवं राजस्व अधिकारी उपस्थित थे।
0 टिप्पणियाँ