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कानून एवं शांति व्यवस्था की समीक्षा बैठक आयोजित

संभागीय आयुक्त मेहरा ने दिए जीरो टॉलरेन्स के निर्देश

कानून एवं शांति व्यवस्था की समीक्षा बैठक आयोजित


अजमेर (AJMER MUSKAN)।
संभाग स्तरीय कानून एवं शांति व्यवस्था की समीक्षा बैठक में संभागीय आयुक्त बी.एल. मेहरा ने कानून एवं शांति व्यवस्था कायम रखने में जीरो टॉलरेन्स अपनाने के निर्देश दिए।

संभागीय आयुक्त बी.एल. मेहरा ने सोमवार को संभाग में कानून और शांति व्यवस्था की विडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने कानून एवं शांति व्यवस्था बनाए रखने में जीरो टॉलरेन्स अपनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आने वाले तीन माह में विभिन्न धार्मिक पर्व एवं त्यौहार मनाए जाएंगे। इस दौरान कानून एवं शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए जीरो टॉलरेन्स अपनाया जाए। इसके लिए गृह विभाग के द्वारा जारी निर्देशों की पालना सुनिश्चित की जाए। समस्त स्त्रोतों से प्राप्त शिकायतों, घटनाओं तथा सूचनाओं पर त्वरित कार्यवाही करनी चाहिए। संभाग में थाना, उपखण्ड तथा जिला स्तर पर शांति समिति का पुर्नगठन किया जाए। इसके लिए प्रस्ताव मांगे जाए। इसमें युवाओं की  भागीदारी अधिक होनी चाहिए। पुलिस एवं प्रशासन दल भावना के साथ कार्य करें। सभी कार्मिक एवं अधिकारी मुख्यालय पर ही रहेंगे।

उन्होंने कहा कि संभाग के सीमावर्ती क्षेत्राें में गतिविधियों विशेष रूप से नजर रखी जानी चाहिए। इसी प्रकार संवेदनशील क्षेत्रों में भी आवश्यकतानुसार फ्लैग मार्च किया जाए। सोशियल मीडिया पर चौबीसों घण्टे निगरानी करने की आवश्यकता है। आवश्यकता होने पर क्षेत्र में अतिरिक्त मानवीय संसाधन तैनात किए जाएं। कानून व्यवस्था की दैनिक समीक्षा का तन्त्र लगातार कार्यशील रहना चाहिए। प्रतिदिन सुबह 10 बजे तक जिला स्तर पर प्रत्येक उपखण्ड की समीक्षा सम्बन्धित उपखण्ड अधिकारी द्वारा उपलब्ध करानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि समस्त अधिकारी अपने क्षेत्र में पाबन्द व्यक्तियों का चिन्हीकरण रखें। समाज का सौहार्द बिगाड़ने वालों को सूचीबद्ध किया जाए। शहरी क्षेत्रों में प्रवेश मार्ग पर सीसीटीवी कैमरे लगे होने चाहिए। अभय कमाण्ड केन्द्र के स्वीकृत समस्त कैमरे स्थापित तथा कार्यशील हो। क्षेत्र में भेड़ निष्क्रमण के दौरान कानून एवं शांति व्यवस्था बनी रहे। खुले बोरवेल को बन्द करवाने की व्यवस्था करें।

उन्होंने कहा कि मोटर वाहन के अन्तर्गत लगातार कार्यवाही की जाए। कार्यवाही के दौरान तेज गति एवं खतरनाक तरीके से वाहन संचालन, यातायात प्रवाह के विरूद्ध चालन अपराध (लेन ड्राईविंग का उल्लंघन), नशे में वाहन संचालन, बिना हेलमेट, बिना सीट बेल्ट वाहन संचालन, ओवरक्राउडिंग, यात्री वाहनों की छतों पर सवारियों को लेकर वाहन संचालन, भार वाहनों में यात्री का परिवहन, बिना परमिट यात्री वाहन संचालन, अवैध रूप से सवारी ढाने वाली जीपों-कारों, निर्धारित मानकों की रिफ्लेक्टिव टेप लगाए बिना वाहन संचालन, बिना स्पीड गवर्नर लगे वाहन संचालन, ओवर हाईट तथा ओवर प्रोजेक्शन वाहन संचालन एवं राष्ट्रीय राजगुरु और मुख्य सड़कों पर अवैध रूप से वाहन की पार्किंग के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जाए। कार्यवाही करने का उद्देश्य चालान बनाने के स्थान पर सुरक्षित सड़क-सुरक्षित जीवन होना चाहिए।

पुलिस महानिरीक्षक रूपिन्दर सिंघ ने कहा कि पुलिस थाना स्तर पर बकाया प्रकरणों में गिरफ्तारी की कार्यवाही करें। क्षेत्र में बाहरी व्यक्तियों पर नजर रखें। क्षेत्र के समस्त धार्मिक स्थलों की नियमित गश्त की जाएं। स्थानीय स्तर की जन सुनवाई को प्रभावी बनाए रखें। थाना स्तर पर सूचनाओं के आदान प्रदान के लिए व्हाट्स एप गु्रप पर सक्रिय रहे। आमजन की भी भागीदारी रहे। नवीनीकरण नहीं कराने वाले हथियार अनुज्ञापत्र धारकों के हथियार जप्त किए जाएं।

समीक्षा बैठक में जिला कलेक्टर अंश दीप, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट भावना गर्ग, उपखण्ड अधिकारी महावीर सिंह एवं प्रादेशिक परिवहन अधिकारी विरेन्द्र सिंह डीओआईटी वीसी रूम में उपस्थित रहे। संभाग के समस्त जिला कलक्टर एवं पुलिस अधीक्षक वीसी के माध्यम जुड़े।

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