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चुप्पी तोड़ो खुलकर बोलो : संभागीय आयुक्त एवं जिला कलेक्टर ने किया शुभारंभ

चुप्पी तोड़ो खुलकर बोलो : संभागीय आयुक्त एवं जिला कलेक्टर ने किया शुभारंभ

चुप्पी तोड़ो खुलकर बोलो : संभागीय आयुक्त एवं जिला कलेक्टर ने किया शुभारंभ

मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य प्रबंधन एवं विधिक जागरूकता पर होगी चर्चा

नो बैग डे पर प्रशिक्षित अध्यापक देंगे विद्यार्थियों को खुलकर बोलने की सीख

चुप्पी तोड़ो खुलकर बोलो : संभागीय आयुक्त एवं जिला कलेक्टर ने किया शुभारंभ

अजमेर (AJMER MUSKAN)।
जिला कलेक्टर अंशदीप के नवाचारी चुप्पी तोड़ो, खुलकर बोलो कार्यक्रम का मंगलवार को जवाहर रंगमंच में संभागीय आयुक्त बी.एल. मेहरा एवं जिला कलक्टर ने शुभारम्भ किया।

संभागीय आयुक्त बी.एल. मेहरा ने कहा कि राज्य की मुख्य सचिव उषा शर्मा द्वारा प्रत्येक जिले को एक नवाचार करने का निर्देश दिया था। इसी के अनुसार अजमेर जिले में जिला कलक्टर श्री अंशदीप द्वारा चुप्पी तोड़ो, खुलकर बोलो कार्यक्रम का नवाचार किया गया। इसकी विस्तृत कार्य योजना मई माह में ही आरम्भ कर दी गई। इसी का परिणाम हैै अब इसका शुभारम्भ हो रहा है। भारतीय संस्कृति में पहला सुख स्वास्थ्य को माना गया है। व्यक्ति का मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य समान रूप से होना चाहिए। इस कार्यक्रम से स्वस्थता और स्वच्छता दोनों की प्राप्ति होगी। इसमें शिक्षा, चिकित्सा तथा महिला एवं बाल विकास विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका है।

उन्होंने कहा कि उड़ान योजना भी शारीरिक स्वच्छता से संबंधित है। चुप्पी तोड़ो, खुलकर बोलो इसी का नया वर्जन है। छात्राओं वाले विद्यालयों में महिला शिक्षक होने से यह कार्य सुगम होगा। महिला अध्यापिका छात्राओं के लिए अभिभावक, मां और सहेली के रूप में सही मार्गदर्शन करेगी। किसी भी प्रकार के उत्पीड़न को लिहाज करके सहने की आवश्यकता नहीं है। घरेलू हिंसा रोकने में परिवार के सदस्य महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करते हैं। शिक्षकों को अपने व्यवहार से स्वअनुशासन एवं सद्चरित्र की शिक्षा देनी चाहिए। विद्यार्थियों के असहज व्यवहार के प्रति सचेत रहें।

जिला कलेक्टर अंशदीप ने कहा कि विद्यार्थियों को समस्त घटकों की शिक्षा मिलनी चाहिए। इससे उनका सर्वांगीण विकास होगा। कौशल सीखने से आगे बढ़कर जीवन्त कौशल को जीवन में सीखाने की आवश्यकता है। इससे विद्यार्थी व्यक्तियों के साथ इन्टरेक्ट होना सीखेगा। चुप्पी तोड़ो, खुलकर बोलो का नवाचार यही सीखने का प्रयास हैं। विद्यार्थियों को कई मुद्दों पर संकोच हो सकता है। इसे त्यागने में यह कार्यक्रम सहयोग प्रदान करेगा। वर्तमान में मोबाईल, इन्टरनेट तथा सोशल मीडिया ने नई पीढ़ी को ज्ञान प्रदान किया है। उन्हें सही ओर गलत सूचना के बारे में जानकारी देना हमारी जिम्मेदारी है।

उन्होंने बताया कि जिले में अब तक 1500 से अधिक व्यक्तियों को प्रशिक्षित किया गया है। इसमें से अधिकतर शिक्षा विभाग के हैं। इनके द्वारा प्रत्येक शनिवार को नो बैग डे के अवसर पर विद्यार्थियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। उन्हें गुड टच, बेड टच, सोशल मीडिया, घरेलू व्यवहार की नकारात्मकता से स्वयं को बचाने के बारे में जानकारी दी जाएगी। ये शिक्षक विद्यार्थियों के मित्र, आदर्श तथा मार्गदर्शक बनकर सही राह दिखाएंगे। प्रति सप्ताह नए विषयों पर जानकारी तथा चर्चा होगी। कुछ समय पश्चात विद्यार्थियों का मूल्यांकन भी किया जाएगा। आवश्यकतानुसार नए अध्याय जोड़े जाएंगे। इस कार्यक्रम का जिले में 540 से अधिक स्थानों पर सीधा प्रसारण किया गया।

समसा के एडीपीसी अजय गुप्ता ने कहा कि विभाग द्वारा आत्मरक्षा प्रशिक्षण दिए गए। इससे बालिकाओं में आत्मविश्वास बढ़ा तथा चुप्पी तोड़ने में बालिकाएं आगे आई। समाज भौतिक संरचनाओं की जगह मानसिकता से विकसित बनता है। गुड टच बेड टच तथा मासिक चक्र के बारे में परिवार ओर शिक्षकों से बातें समझा करके सही समझ प्राप्त करने से यह अभियान सफल होगा। कार्यक्रम अधिकारी विश्वम्भर दयाल बनुकर ने कहा कि यह कार्यक्रम महिलाओं एवं बालिकाओं की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का समाधान करेगा। इस कार्यक्रम में शिक्षा, चिकित्सा, आईपीई ग्लोबल, पुलिस एवं समेकित बाल विकास सेवाएं विभागों की सक्रिय भागीदारी रही। इस नवाचारी स्वच्छता प्रबन्धन से जिले के 539 विद्यालयों की एक लाख 90 हजार 688 बालिकाएं लाभान्वितहोगी।

आईपीई ग्लोबल की नीलम दुबे ने कहा कि यह कार्यक्रम किशोरों ओर किशोरियों दोनों के लिए है। इस उम्र में दोनों को ही सही मार्गदर्शन की आवश्यकता रहती है। केन्द्रीय बालिका विद्यालय की दिव्या पंचोली ने कहा कि चुप्पी तोड़ने से महिलाएं अपने विचार खुलकर व्यक्त कर सकेगी। छेड़छाड़ और यौन अपराधों की रोकथाम के लिए यौन शिक्षा दी जानी चाहिए। इससे बच्चे दिग्भ्रमित होने से बचेंगे। एकता गुर्जर ने अब नही ंतो कब बोलोगे कविता का पाठ किया। सावित्री स्कूल की एकता गुर्जर ने चुप्पी तोड़ने में मोटिवेशन की भूमिका पर अपने विचार व्यक्त किए। अपने माता-पिता, मित्रों एवं अभिभावकों के साथ चर्चा करें।

इस अवसर पर मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी धर्मेन्द्र जाटव, सीडीपीओ विलेश डेटानी सहित विभागीय अधिकारी एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।

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