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विद्यार्थियों को भाषा व संस्कार से जोड़ने का मुख्य केंद्र है बालसंस्कार शिविर : लक्ष्मी ठकुर

बाल संस्कार शिविर
बालसस्कार शिविर

अजमेर (AJMER MUSKAN)।
श्री झूलेलाल मंदिर वैशाली नगर अजमेर में चल रहे 15 दिन से बाल संस्कार शिविर में आज 8वें दिवस महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में सिंधु शोध पीठ की पूर्व निदेशक प्रो. लक्ष्मी ठकुर को शिविर की गतिविधियों से रूबरू हुई उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को भाषा व संस्कार से जोड़ने का मुख्य केंद्र है बालसंस्कार शिविर उन्होंने बच्चों से चर्चा की और उनसे सवाल-जवाब किए और कहा कि क्योंकि हमारी शिक्षण अंग्रेजी व हिंदी भाषा में होती है परंतु  मातृभाषा का ज्ञान जरूरी है ।

बालसंस्कार शिविर
बालसंस्कार शिविर

इकाई अध्यक्ष किशन केवलानी ने बताया कि कार्यक्रम का शुभारंभ  महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय सिंधु शोध पीठ की पूर्व निदेशक प्रो. लक्ष्मी ठकुर, मंदिर अध्यक्ष प्रकाश जेठरा, भारतीय सिंधु सभा के राष्ट्रीय महामंत्री महेंद्र कुमार तीर्थानी, सिंधी बोली विकास समिति के अध्यक्ष जयप्रकाश मंघाणी ने श्री झूलेलाल जी की मूर्ति के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया गया । 

महासचिव ईश्वरदास जेसवानी ने बताया कि इस अवसर पर प्रसिद्ध गायक होतचंद मोरयानी, पूनम गीतांजलि द्वारा बच्चों को सिंधी नाटक व संगीत का ज्ञान कराया । इस शिविर में आज 80 बच्चों द्वारा भाग लिया गया ।

इस शिविर में विद्वान एवं प्रशिक्षित सिंधी शिक्षकों ज्ञानी मोटवानी, हरि चांदवानी, दौलतराम थदानी, योगाचार्य  द्वारा विद्यार्थियों को, नृत्य, भगत, योगा एवं सिंधी संतों महात्माओं के बारे में जानकारी दी गई । 

इस बाल संस्कार शिविर का उद्देश्य युवाओं को सिंधी संस्कृति से जोड़ना है। कार्यक्रम में सिंधु वेलफेयर सोसायटी नाका मदार के पदाधिकारी दयाल शेवानी, जेठो बालानी, नरेश भाटिया, गोविंद छतवानी, लक्ष्मण सबनानी व पुरुषोत्तम जगवानी, गोविंदराम कोडवानी, गोवर्धन बालानी, शंकर टिलवानी खुशीराम इसरानी, ईश्वरदास जेसवानी, ओमप्रकाश शर्मा आदि कार्यकर्ताओं ने सेवाएं दी।

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