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शिक्षक तथा विद्यार्थी की है प्रकृति के संरक्षण में अहम भूमिका - जिला कलेक्टर



अजमेर (AJMER MUSKAN)।
शिक्षक और विद्यार्थी की प्रकृति के सरंक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका है। यह बात जिला कलक्टर श्री अंश दीप ने वेस्ट टू बेस्ट-पॉली कबाड़ से उपयोगी निकाल विषय पर राजकीय सावित्री सीनियर सैकण्डरी स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में कही।

जिला कलेक्टर अंश दीप ने कहा कि वेस्ट टू बेस्ट कार्यक्रम की इस वर्ष की जिले के लिए थीम पॉलीकबाड से उपयोगी निकाल निर्धारित की गई है। इसके अन्तर्गत कार्यक्रमों एवं गतिविधियों के माध्यम से पॉलीउत्पादों के उपयोग को सीमित करने के लिए जागरूकता पैदा की जाएगी। इसका सोमवार को शुभारंभ किया गया।

उन्होंने कहा कि विगत वर्षों से कोरोना जैसी महामारी से पूरा विश्व प्रभावित हुआ है। कोरोना काल में जीवन की क्षणभंगुरता ने प्रकृति के प्रकोप के विषय में विचार करने को मजबूर किया। हम प्रभु तथा प्रकृति के ऋण की भरपाई नहीं कर सकते। इस दिशा में प्रयास कर प्रकृति का संरक्षण जरूर कर सकते है। हमारे द्वारा फेंके गये पॉलीथीन से जमीन बंजर होती जा रही है। सड़क एवं नाली में फेंके गये पालीथीन को खाने से गाय इत्यादि जीव भी बीमार होकर अपनी जान गंवा देते हैं। प्रकृति के सरंक्षण का शिक्षा विभाग तथा शिक्षकों में सामथ्र्य है। वे भावी पीढ़ी में प्रकृति के सरंक्षण से सम्बन्धित संस्कारों व परम्पराओं का सींचन करते है।

मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी धर्मेन्द्र कुमार जाटव ने पर्यावरण के विनाश पर चिन्ता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग पर्यावरण सरंक्षण की इस अभिनव योजना का हिस्सा बनकर बेहतरीन कार्य करेगा। जिले में संचालित समस्त विद्यालयों से उनके विद्यार्थियों द्वारा वेस्ट पॉलीउत्पादों से बनाई गयी कलाकृतियों की सॉफ्ट कॉपी मंगवाकर उनका प्रचार-प्रसार किया जाएगा। उन्होंने सम्पूर्ण कार्य को कार्ययोजनानुसार क्रियान्वित करने का विश्वास दिलाया।

पाली के अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी तुलसी राम ने पाली जिले में किये गये इस अभिनव कार्य के अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि पाली में जिला कलक्टर पद पर रहते हुए श्री अंश दीप द्वारा इस अभिनव योजना की शुरुआत की गई थी। कोरोना काल होने के कारण अपेक्षित कार्य नहीं हो सका। पालीवेस्ट के निस्तारण के लिये कई नवाचार किए गए। इनसे पर्यावरण संरक्षण में काफी मदद मिली हैं।

समग्र शिक्षा के कार्यक्रम अधिकारी विश्वम्भर दयाल बुनकर नेे स्लाईड शो के माध्यम से बताया कि जिले की कुल 3369 स्कूलों में अध्ययनरत लगभग 2 लाख 74 हजार स्कूली बालक-बालिकाओं के माध्यम से इस योजना का क्रियान्वयन किया जाएगा। अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक अजय गुप्ता ने अपने संबोधन में इस बात पर जोर दिया कि इसमें समस्त विद्यार्थियों तथा विद्यालयों की भागीदारी सुनिश्चित किया जाना जरूरी है।

इस अवसर पर सहायक निदेशक भागचन्द मण्डरावलिया, अजमेर जिले के सभी मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, अजमेर शहर के समस्त शहरी संकुल के प्रभारी प्रधानाचार्य, स्थानीय विद्यालय की प्रधानाचार्य बीनू मेहरा, समग्र शिक्षा के कार्यक्रम अधिकारी धर्मवीर कुमावत, जिला आईईडी प्रभारी दिनेश सैनी, सहित सावित्री विद्यालय में अध्ययनरत बालिकाए उपस्थित थी।

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