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केन्द्रीय दल ने किया कुष्ठ रोगियों का भौतिक सत्यापन


अजमेर (AJMER MUSKAN)।
केन्द्रीय दल ने बुधवार को जिले में कुष्ठ रोगियों के उपचार के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त कर उनका भौतिक सत्यापन किया।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. के. के. सोनी ने बताया कि राष्ट्रीय कुष्ठ रोग उन्मूलन कार्यक्रम नई दिल्ली के एनएलईपी कन्सलटेन्ट डॉ. सरोज कान्त चौधरी ने जिले में उपचाररत कुष्ठ रोगियों का भौतिक सत्यापन किया। डॉ. चौधरी द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र गोला एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पुष्कर पर उपचाररत रोगियों से रूबरू होकर उनके दवाई का प्रबंधन, सैल्फ केयर तथा फील्ड में चिकित्सा अधिकारी, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और आशाओं द्वारा किये जा रहे फोलोअप का भौतिक सत्यापन किया।

उन्होंने बताया कि भ्रमण के दौरान उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (स्वा.) एवं नोडल अधिकारी (कुष्ठ) डॉ. आर.एस. किराडिया तथा जिला कुष्ठ सुपरवाईजर श्री रामस्वरूप साहु द्वारा केन्द्रीय दल को भ्रमण करवाया गया। डॉ. चौधरी ने निर्देशित किया कि देश तथा प्रदेश में कुष्ठ रोगियों की प्रसार दर कम हुई है। कुष्ठ रोगी की प्रारम्भिक जांच शीघ्र होने से रोगी पूरा ईलाज लेते हुए पूर्ण रूप से रोगमुक्त हो जाता है। किसी भी प्रकार की विकृती से बचा जा सकता है। इसके साथ ही भारत सरकार द्वारा नई गाइलाईन के अनुसार कुष्ठ रोगी के परिवार के सदस्यों को भी इस रोग के संक्रमण से बचाने के लिये एकल खुराक रिफाम्पिसिन की एक गोली आयु के अनुसार खिलाकर बचाया जा सकता है। इसी क्रम मे समस्त कुष्ठ रोगियों के परिवारजनों को रिफाम्पिसिन खिलाना इस रोग की प्रसार दर को कम करने का सराहनीय कदम है।

डॉ. आर.एस. किराडिया ने बताया कि राज्य सरकार एवं भारत सरकार से कुष्ठ रोगियों के हितार्थ प्राप्त एमसीआर चप्पल, कंबल, लेप्रीसी सैल्फ केयर किट जैसी सामग्री का वितरण प्रतिवर्ष शिविर लगाकर किया जा रहा है। कुष्ठ रोग के प्रति आमजन को जागरूक करने के लिए समस्त चिकित्सा संस्थानों एवं फील्ड कार्मिकों द्वारा नियमित रूप से सर्वे करवाना, सर्वे के साथ-साथ पेम्पलेट वितरण करवाकर इस रोग की आईईसी भी करवायी जा रही है। समय-समय पर आशा सहयोगिनियों एवं पैरामेडिकल स्टाफ व चिकित्सा अधिकारियों को प्रशिक्षित किया जाता है। जिला मुख्यालय पर लगाये जाने वाले कुष्ठ रोगियों के शिविर में रोगियों को इस रोग से होने वाली विकृतियों से बचने के तरीके बताये जाते है। विकृति होने पर किस प्रकार से स्वंय के स्तर पर अपनी देखभाल की जाती है। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार द्वारा देय पेंशन 1500 रूपये प्रतिमाह की जानकारी भी समय-समय पर दी जाती है। इससे कुष्ठ रोगियों को आर्थिक मदद भी मिलती है।

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