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अजमेर डीजल लोको एवं वैगन कार्यशाला उत्तर पश्चिम रेलवे अजमेर का ग्रीन को रेटिंग प्रमाणीकरण


अजमेर (AJMER MUSKAN)।
अजमेर लोको और वैगन वर्कशॉप का आधुनिकीकरण व अपग्रेडशन किया गया है । इससे कारखाने द्वारा विशेष उपलब्धियां हासिल की जा रही है इसी कड़ी में अजमेर कारखाने को कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडक्ट्री (सीआईआई ) ग्रीन सीओ - गोल्ड रेटिंग व सर्टिफिकेट से सम्मानित किया गया है। उत्तर पश्चिम रेलवे के अजमेर डीजल लोको एवं वैगन कारखाना को  (सीआईआई) हैदराबाद द्वारा ग्रीन को रेटिंग प्रमाणीकृत किया गया। उल्लेखनीय है कि कार्यशाला पूर्व में ग्रीन को ब्रांज रेटिंग में प्रमाणित थी। किसी इकाई का ग्रीन को रेटिंग प्रमाणीकृत होने के लिये पर्यावरण के विभिन्‍न क्षेत्रों में ऊर्जा, पानी, सामग्री प्रबंधन अवशिष्ट निस्तारण, गैर पारम्परिक ऊर्जा स्रोत, ग्रीन हाउस गैस, ग्रीन इकोलाजी एवं नवाचार के क्षेत्र में किये गये बेहतरीन कार्यों का भौतिक प्रदर्शन का अंकीय प्रणाली के आधार पर प्राप्त अंको के अनुसार प्रमाणीकरण स्तर का निर्धारण किया जाता है। 

गोल्ड स्तर पर प्रमाण पत्र मिलना कारखाना के समस्त अधिकारियों कर्मचारियों की अथक लगन, मेहनत एवं कार्यकुशलता का परिणाम है। ग्रीन-को-रेटिगं  पर्यावरण संरक्षण के प्रति सजगता को दर्शाता  है। यह रेटिंग उच्च गुणवत्ता के उत्पादन के साथ-साथ विश्वस्तरीय पर्यावरण नीतियों को लागू करने में मदद करता है। 

ग्रीन -को-रेटिंग का उद्देश्य कारखाना एवं निकटवर्ती क्षेत्रों को हरा-भरा एवं पर्यावरण के अनुकूल बनाना तथा विष्व स्तर पर उच्च कार्य कुशलता स्थापित करना है।  ग्रीन -को-रेटिंग प्राप्त करने की लम्बी प्रक्रिया है जिसमें रजिस्टेशन, ट्रेनिंग प्रोग्राम, आंकडे एकत्रित करना एवं उनका विशलेषण, साईट विजिट इत्यादि शामिल है। असेसमेंट टीम अपनी जांच रिपोर्ट एवं विशलेषण विशेषज्ञों  के पेनल को प्रस्तुत करता है।  यह पेनल, विशलेषण रिपोर्ट का गहन जांच कर उपयुक्त रेटिंग प्रदान करता है जिसका हर वर्ष रिव्यू किया जाता है। यह रेटिंग तीन वर्ष तक मान्य होती है।

अजमेर डीजल लोको एवं वैगन कार्यशाला को गोल्ड  स्तर का प्रमाणपत्र मिलना निःसंदेह उत्तर पश्चिम रेलवे  के लिये ही नहीं अपितु राजस्थान के लिये भी एक गौरव की बात है क्योंकि इससे पर्यावरण जागरूकता को बढावा मिलेगा एवं स्वच्छ पर्यावरण का भी लाभ मिलेगा।

कार्यशाला द्वारा यह विशिष्ट उपलब्धि प्रमुख मुख्य यॉत्रिक इंजीनियर वी.के.सक्सेना, मुख्य कारखाना इंजीनियर आर.के. मूंदडा एवं मुख्य कारखाना प्रबंधक ए.के.अबरोल के निर्देशन एवं मार्गदर्शन में संपन्न हुआ।

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