मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सड़क हादसों पर लगाम के निर्देशों की पालना
जिले में ऑपरेशनल सड़क सुरक्षा ऑडिट कमेटी का गठन
अजमेर (AJMER MUSKAN)। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा सड़क हादसों को रोकने के निर्देशों की पालना में अजमेर जिले में बड़ी कवायद शुरू की गई है। सड़क हादसों पर रोक, कारण, वाहन चालकों का व्यवहार, चिकित्सा सुविधा एवं अन्य उपायों पर सर्वे और कार्यवाही के लिए जिले में ऑपरेशनल सड़क सुरक्षा ऑडिट कमेटी का गठन किया गया है। प्रादेशिक परिवहन अधिकारी की सदारत वाली यह कमेटी जिले से गुजरने वाले पांच प्रमुख राजमार्गों पर सर्वे शुरू करेगी। इसमें विभिन्न एजेंसियों का सहयोग लिया जाएगा।
ऑपरेशनल सड़क सुरक्षा ऑडिट कमेटी की पहली बैठक मंगलवार को जिला कलेक्टर अंश दीप की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार अजमेर में आयोजित की गई। बैठक में नोडल अधिकारी डॉ. वीरेन्द्र सिंह राठौड़, प्रादेशिक परिवहन अधिकारी, अजमेर ने पावरपाईन्ट प्रजेन्टेशन के माध्यम से ऑपरेशनल ऑडिट की कार्य योजना प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा सड़क हादसों को रोकने के लिए प्रभावी कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं। इन निर्देशों की पालना में अजमेर जिले में पायलेट प्रोजक्ट के तहत कार्यवाही शुरू की गई है। कमेटी कई पहलुओं पर काम करेगी।
यह शामिल हैं कमेटी में
प्रादेशिक परिवहन अधिकारी (नोडल अधिकारी), परियोजना निदेशक, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (सह नोडल अधिकारी), अधीक्षण अभियंता (पी.डब्ल्यू.डी.), चिकित्सा विभाग, पुलिस विभाग यातायात पुलिस, मैनेजर टेक्नीकल राष्ट्रीय राजमार्ग 448, 58, 48, 79, एवं 14 डीटीओ ब्यावर, अजमेर व किशनगढ़, पुलिस उप अधीक्षक यातायात अजमेर, एन.एच. पर स्थित सभी पुलिस उप अधीक्षक, ऑल राउट मैनेजर आईआरएडी एनआईसी एवं विभिन्न टोल के प्रतिनिधि।
कमेटी के उद्देश्य
जिले में राष्ट्रीय राजमार्गो के रोड इंजीनियरिंग दोष को ज्ञात करने के लिए सड़क सुरक्षा ऑडिट।
ब्लैक स्पॉट का संयुक्त भ्रमण कर दुरूस्तीकरण की कार्यवाही।
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा जारी एसओपी को लागू करना।
गलत लेन ड्राईविंग, गति नियत्रंण, गलत दिशा में वाहन चलाना व ओवरटेकिंग, गलत पार्किंग पर रोक, राइट ऑफ वे में अतिक्रमण हटाना।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार की 26 जून 2020 को जारी गाईडलाइन को सख्ती से लागू करना।
एजुकेशन, एनफोर्समेन्ट, इंजीनियरिंग एवं हैल्थ ड्राइव चलाकर दुर्घटनाओं में कमी लाकर सुरक्षित हाईवे बनाना।
यह है कार्य योजना
बेस लाईन सर्वे
यूजर बिहेवीयर सर्वे:- राष्ट्रीय राजमार्गो पर बीस-बीस किलोमीटर के हाइवे के स्ट्रेच बनाकर सड़क के दोनो ओर से आने वाले ट्रैफिक में हैलमेट, सीट बेल्ट, मोबाईल पर बात करना, गलत दिशा में वाहन चलाना, अण्डर रन सेफ्टी डिवाइस का लगा होना, रिफलेक्टिव टेप, निर्धारित लेन ड्राईविंग, ऑवरस्पीडिंग आदि सेे सम्बंधित नियमों के उल्लघंन के सम्बंध में सड़क उपयोगकर्ताओ के व्यवहार को ज्ञात करने के लिए बेस लाईन सर्वे करना
ट्रेफिक वॉल्यूम सर्वेः- राष्ट्रीय राजमार्गो पर यातायात के दबाव को ज्ञात करने के लिए हाइवे के अलग-अलग स्ट्रेच बनाकर वाहनों को विभिन्न श्रेणियों में बांटकर 24 घंटे सड़क के दोनो ओर सर्वे।
सड़क दुर्घटनाओं के ट्रेण्ड ज्ञात करना- हाइवे के पुलिस थानो से पिछले 5 वर्षो की घातक सड़क दुर्घटनाओं का विवरण मय एफआईआर प्राप्त कर उनका विशलेषण करना।
पब्लिक ओपिनियन सर्वेः- हाइवे के किनारे ढाबा, होटल, पेट्रोल पम्प, टोल नाका व सामाजिक कार्यकताओं से एनजीओं के माध्यम से दुर्घटनाओं के कारण के सम्बंध में राय प्राप्त करना।
सर्वे के बाद इन बिंदुओं पर बनेगी रणनीत
वाहन चालकों को सुरक्षित चालन एवं सड़क सुरक्षा का प्रशिक्षण।
नियमों की पालना के लिए प्रभावी प्रवर्तन कार्यवाही एवं जुर्माना।
चिकित्सा सुविधाओं का विकास
सड़कों की स्थिति में सुधार, ब्लैक स्पॉट पर सुरक्षात्मक उपाय।
विभिन्न विभागों का समन्वय।
हाइवे के किनारें गांवों में सड़क सुरक्षा अग्रदूत तैयार करना आदि।
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