अजमेर (AJMER MUSKAN)। फसलों की सुरक्षा के लिए मेड़बन्दी पर करण्ट के तारों तथा चुहे पकड़ने के लिए रोडेन्ट ग्लू ट्रेप्स पर पाबन्दी लगी होने से इनका उपयोग नहीं करना चाहिए।
पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. प्रफुल्ल माथुर ने बताया कि गौरक्षा दल तारानगर चूरू ने कृषकों द्वारा अपनी फसल के बचाव करने हेतु खेत के चारों ओर लगाई जाने वाले बिजली चलित लोहे के तारों के प्रयोग को आमजन, पशु व अन्य जीवों के चपेट में आ जाने पर गम्भीर दुर्घटना कारित करने वाला बताया। उच्च न्यायालय द्वारा पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 के संक्शन 11 के अन्तर्गत इसे निषिद्ध एवं दण्डनीय घोषित किया गया है।
उन्होंने बताया कि भारतीय जीव जन्तु कल्याण बोर्ड बल्लभगढ़ (हरियाणा) के आदेशानुसार पेटा संस्था के आग्रह पर चूहों को पकड़ने के लिए वर्तमान में प्रयुक्त होने वाले रोडेन्ट ग्लू ट्रेप्स की बिक्री तथा उपयोग को पशु क्रूरता निवारण अधिनियम-1980 के अन्तर्गत रोकने के आदेश जारी किए गए है। क्योंकि पेटा इंडिया के अनुसार ग्लू ट्रैप का उपयोग रोडेन्टस को अनावश्यक दर्द और पीड़ा देता है। यह जानवरों के प्रति क्रूरता की रोकथाम अधिनियम 1960 के खण्ड 11 की भावना के खिलाफ है।
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