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संत कंवर राम जन्मोत्सव की पूर्व संध्या पर गोष्ठी आयोजित


अजमेर (AJMER MUSKAN)।
अमर शहीद संत कंवरराम की 137 वें जन्मोत्सव की पूर्व संध्या पर मंगलवार को शाम संत कंवरराम के जीवन पर एक गोष्ठी आयोजित की गई। जिसमें संत कंवरराम साहब के आध्यात्मिक व संगीतमय जीवन पर प्रकाश डाला गया। इस अवसर पर समिति अध्यक्ष जीडी वरिंदानी ने कहा कि सिंध के महान कर्मयोगी, दानवीर, त्यागी, व तपस्या की मूर्ति अमर शहीद भगत संत कंवरराम के गीत गाकर याद किया गया । 

भारतीय सिंधु सभा के प्रदेश महामंत्री महेंद्र कुमार तीर्थानी ने कहा कि साईं कंवरराम साहब ने गुरु दर की सादगी से सेवा करके ईश्वर को प्राप्त किया था और उसी अमृतवाणी से सभी धर्मावलंबियों को जोड़कर प्रेम भाईचारे का संदेश दिया । झूलेलाल मंदिर अध्यक्ष प्रकाश जेठरा ने कहा कि अमर शहीद संत कंवरराम ने आध्यात्मिक जीवन में धर्म-कर्म का ज्ञान प्राप्त कर इतनी परोपकार की सेवा की उनके द्वारा दी गई लोली से मृत शिशु भी जीवित हो उठा ऐसा भक्ति भाव सदैव स्मरण होता रहेगा ।

इस अवसर पर मशहूर गायक होतचंद मोरयानी द्वारा सिंधी गीत संगीत भगत व सिंधी कलाम पेश किए मोरयानी  द्वारा गाया संत कंवर राम का भजन "कंवरराम ओ कंवरराम वरी हली आ"गाकर लोगों का मन जीत लिया । पूनम गीतांजलि द्वारा "किय रिझाया धोखे किय परचाया" भजन गाया गया एवं प्रीति जैन द्वारा "शाल हलनदें हलाई" भजन गाकर लोगों को मंत्र मुक्त कर दिया। 

पूर्व मे कार्यक्रम का शुभारंभ समिति अध्यक्ष जीडी वरिंदानी, भारतीय सिंधु सभा के प्रदेश महामंत्री महेंद्र कुमार तीर्थानी, झूलेलाल मंदिर अध्यक्ष प्रकाश जेठरा, जयप्रकाश मंघाणी द्वारा संत कंवररामजी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया।

अंत में संत कंवरराम की महाआरती जयप्रकाश मंघाणी, खुशीराम ईसरानी, रमेश रायसिंघानी, ईश्वर दास जेसवाणी, नारायण झामनानी, भेरूमल शिवनानी, गोविंदराम कोडवानी, मुरली गुरनानी, किशन केवलानी, ओम प्रकाश शर्मा द्वारा की गई ।

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