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उत्तर पश्चिम रेलवे के कारखानों ने परचम लहराया


वित्तीय वर्ष में 2021-22 में लक्ष्यो से 19 प्रतिशत अधिक कोचों का किया आवधिक मरम्मत

चल स्टॉक के फेलियर मामले पिछले वर्ष से 44 प्रतिशत कम

अजमेर (AJMER MUSKAN)। उत्तर पश्चिम रेलवे के कारखानों ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में महाप्रबंधक विजय शर्मा के नेतृत्व में बेहतर प्रर्दशन करते हुए रेलवे बोर्ड से निर्धारित लक्ष्यों से अधिक कार्य किया है। 

उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण के अनुसार रेल यात्रियों को सुखद, सुरक्षित एवं संरक्षित यात्रा के क्रम में चल स्टॉक (सवारी एवं माल डिब्बो) के रख-रखाव तथा उनकी उपलब्धता को बढाने में उत्तर पश्चिम रेलवे के कारखानो ने उत्कृष्ट कार्य किया है। सवारी डिब्बों की आवधिक मरम्मत कार्य (POH) उत्तर पश्चिम रेलवे पर औसत 10 दिन में किया जा रहा है, जो सम्पूर्ण भारतीय रेलवे पर सर्वश्रेष्ठ प्रर्दशन है। विगत वर्ष यह कार्य औसत 20.28 दिन था। उत्तर पश्चिम रेलवे पर सवारी डिब्बों की आवधिक मरम्मत इस वर्ष 1949 कोच रही जो निर्धारित लक्ष्यो से 18.55 प्रतिशत अधिक है। इसी प्रकार माल डिब्बे की आवधिक मरम्मत 2698 वैगन रही, जो विगत वर्ष से 26 प्रतिशत अधिक रही है। इसके फलस्वरूप रेल ग्राहकों के लिए कोच एवं वैगन की उपलब्धता बढ़ी

उत्तर पश्चिम रेलवे पर चल स्टॉक की उपलब्धता भी लक्ष्यों से अधिक रही है। माल डिब्बों, वातानुकूलित डिब्बों एवं नॉन वातानुकूलित डिब्बों में सिक (रूग्ण) चल स्टॉक कम से कम रहे, जिससे उनकी उपलब्धता अधिक रही है। उत्तर पश्चिम रेलवे पर चल स्टॉक के फेलियर मामले भी विगत वर्ष से 44 प्रतिशत कम रहे है। इस वित्तीय वर्ष में रूटीन मरम्मत भी 1225 वैगन रहा है, जो विगत वर्ष से 89 प्रतिशत अधिक है। संरक्षा को बढावा देने के लिए हॉट एक्सल की पहचान के लिए 21 ऑटोमेटिक हॉट एक्सल बॉक्स डिटेक्शन (HABD) भी स्थापित किए गए है। 

उत्तर पश्चिम रेलवे पर कारखानो के उत्कृष्ट प्रदर्शन को देखते हुए भविष्य में इलैक्ट्रिक लोको की आवधिक मरम्मत, स्टील लदान वैगन एवं RO RO  रैक (जिन मालागाडियों पर रोड़ व्हिकल जैसे ट्रक आदि सीधे ही लोड/अनलोड किए जाते है।) का परीक्षण के नए कार्य भी किए जाएगें।

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