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मानव एकता दिवस : निरंकारी स्वेच्छिक रक्तदान शिविर रविवार को


अजमेर (AJMER MUSKAN)।
युगप्रवर्तक बाबा गुरबचन सिंह की स्मृति में उनकी शिक्षाओं से निरंतर प्रेरणा लेते हुए सद्गुरु माता सुदीक्षा महाराज के आर्शीवाद से प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी ‘मानव एकता दिवस’ के अवसर पर संत निरंकारी मिशन के द्वारा विशाल रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाता है । इसी परिपेक्ष्य में 24 अप्रैल रविवार को सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक संत निरंकारी सत्संग भवन, आशागंज रोड अजमेर में विशाल रक्तदान शिविर का आयोजन किया जायेगा ।

संत धमनदास ने बताया कि युगप्रवर्तक बाबा गुरबचन सिंह सदैव ही समाज कल्याण के लिए निरन्तर प्रयासरत रहे उन्होनें एक ओर जहां सत्य के बोध द्वारा मानव जीवन को सभी प्रकार के भ्रमों से मुक्त किया वहीं दूसरी ओर नशाबंदी एवं सादा शादियों जैसे समाज सुधारों की भी नींव रखी। मिशन के भक्तों के लिए रक्तदान पहले से ही जनकल्याण की सेवा भाव में एक अभिन्न अंग रहा है । बाबा हरदेव सिंह के कथन रक्त नालियों में नहीं, नाड़ियों में बहे इस संदेश को मिशन के अनुयायियों ने निश्चित रुप से चरितार्थ किया और जिसे वर्तमान में सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज के निर्देशानुसार निरन्तर आगे बढ़ाया जा रहा है ।

उन्होंने बताया मानव एकता दिवस के अवसर पर सम्पूर्ण भारतवर्ष के लगभग 265 स्थानों पर रक्तदान शिविरों का आयोजन किया जायेगा। जिसमें लगभग 40 से 50 हजार युनिट रक्त सम्पूर्ण भारत में एकत्रित किये जाने का लक्ष्य रखा गया है। इन शिविरों का आयोजन संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन संत निरंकारी मिशन की सामाजिक शाखा के तत्वावधान में किया जायेगा । समालखा में आयोजित होने वाले रक्तदान शिविर में सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज अपना पावन आर्शीवाद प्रदान करेगें और साथ ही जूम ऐप के माध्यम से सम्पूर्ण भारतवर्ष के शेष स्थानों पर आयोजित होने वाले सभी रक्तदान शिविरों को भी सामूहिक रुप आर्शीवाद प्रदान करेगें । 

इस शिविर में संग्रहित रक्त से अनेक मरीजों की जान बचायी जा सकती है। वर्तमान में कोरोना महामारी के कारण जेएलएन अस्पताल अजमेर के ब्लड बैंक में रक्त की अत्यधिक कमी हो गई है जिसकी वजह से कई गम्भीर बीमारी के मरीजों को रक्त नहीं मिल पा रहा है इसलिए इस शिविर में संग्रहित रक्त से जरुरतमंद मरीजों की जान बचायी जा सकेगी । शिविर में 18 वर्ष से 60 वर्ष के मध्य की आयु वालेे स्वस्थ व्यक्ति जिनका वनज 45 कि.ग्रा. से अधिक हो तथा जिसने कोविड-19 की वैक्सीन प्राप्त होने के 14 दिन के पश्चात् रक्तदान कर सकता है । 

संत धमनदास निरंकारी ने सभी स्वेच्छिक रक्तदाताओं से इस महान पुण्य कार्य में सम्मिलित होकर अधिक से अधिक रक्तदान किये जाने की अपील की है।

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