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सिन्धी लोक कलाकारों व संतों द्वारा सिंधियत के विकास में योगदान : टहलगिरी गोस्वामी


सिन्धियत दिवस एवं रामनवमी के अवसर पर कन्या भोज आयोजन किया   

अजमेर (AJMER MUSKAN)।  सिंधियत दिवस के अवसर पर राजावीर बाजार आशागंज मयाणी चिकित्सालय के सामने स्थित राजावीर साहिब दुर्गा माता मन्दिर परिसर में वैचारिक गोष्ठी का आयोजन किया गया। नवरात्रि के अवसर पर रामनवमी के अवसर पर दुर्गा माता मन्दिर राजावीर दरबार में पूजन आराधना करके हवन यज्ञ करके नवरात्रा कार्यक्रम मनाया गया। राजावीर साहिब दुर्गा माता मन्दिर के महंत स्वामी टहलगिरी गोस्वामी ने इस अवसर पर अपने प्रवचनो में कहा कि सिन्धी लोक कलाकारो और सन्तों महात्माओं के द्वारा सिंधियत को बढ़ावा देने में सहयोग किया जाता है।

महासंचिव और कार्यक्रम संयोजक रमेश लालवानी ने बताया कि आजाद भारत में 10 अप्रेल 1967 को भारत के संविधान की आठवीं अनुसूचि में सिन्धी भाषा को भारत सरकार द्वारा मान्यता प्रदान की गई थी। इसलिए 10 अप्रेल को सिन्धियत दिवस के रूप में सिन्धी समुदाय द्वारा मनाया जाता है। दरबार में नवरात्रि कार्यक्रम के अन्तर्गत रामनवमी के अवसर पर 51 कन्याओं को भोजन और हवन यज्ञ का आयोजन किया गया और माता के नवरात्रों का जल में विसर्जन किया गया। सिंध के महान संत स्वामी राजावीर साहिब की महिमा में दरबार के महंत स्वामी टहलगिरी गोस्वामी के द्वारा महाआरती पूजन संपन्न करवाया गया। माता की महाआरती भजन साथ ही राजावीर साहिब की महिमा में भजन, पंजड़े एवं गीत सुनाये। इस अवसर पर प्रकाश गोस्वामी,रमेश लालवानी, रेखा गोस्वामी, किशोर मंगलानी, किशोर विधानी, कविता जयकुमार भारती, ज्योति, जानवी गोस्वामी सहित अन्य उपस्थित थे।

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